One Minute Read: Kohli में बहुत कुछ है ऐसा जो बहुत ख़ास बनाता है उनको..
जब भी बड़ा मैच होता है रोहित शर्मा और शुभमन गिल अपना बोरिया बिस्तर जल्दी समेट कर चले जाते हैं.रोहित शर्मा अपनी कप्तानी में 50 मैच जीत रहा है तो 45 मैच कोहली के दम पर जीता है समझिये.मोटापा इतना है कि रोहित शर्मा का पैर हिलता ही नहीं.फिर भी न्यूज़ चैनल वाले उनके लिए मरें जा रहें हैं.कोहली के ऊपर ही हर बड़े मैच जिताने की जिम्मेदारी आती है. एक दो रन लेकर, बॉल को हवा में न रखकर जिम्मेदारी से खेलता है वह खिलाड़ी. कुल 84 रनों में से सिर्फ 20 रन चौंके से बने, बाकी 64 रन सिंगल, डबल से बनें वह भी तब जब पूरे 50 ओवर फील्डिंग करके आया रहता है कोहली.
ये फिटनेस फूटबॉलर में रहता है क्रिकेटर में नहीं.कोहली के आसपास कोई नहीं है, सचिन, वचिन भी बड़े मैचों में अंदर आती गेंदों पर गच्चा खाकर बोल्ड हो जाते थे और जमीन पर बैठ जाते थे बैट के साथ .देश के करोड़ों लोगों के उम्मीदों पर अगर किसी ने पानी नहीं फेरा है तो वे सिर्फ किंग कोहली है. जो कहते हैं वह शतक का भूखा है उन्होंने भी आज देखा होगा किस तरह वे नॉनस्ट्राइक पर रहकर स्ट्राइक पर खेल रहें श्रेयस, राहुल के चौके, छक्के से वे ख़ुशी से चीख रहें थे.
(विक्रम नारायण सिं)