Pakistan के आतंकियों के पहलगाम में भयावह आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पापिस्तान के खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों से पड़ोसी देश में खलबली मच गई है। भारत की सख्त कूटनीतिक रणनीति के दबाव में अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारत से बातचीत के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने कश्मीर, जल बंटवारे, व्यापार और आतंकवाद जैसे लंबित मुद्दों पर वार्ता की इच्छा जताई है। यह बयान उन्होंने अपनी तेहरान यात्रा के दौरान दिया।
शरीफ बोला – “हम पड़ोसी देशों के साथ शांति चाहते हैं”
तेहरान में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शहबाज शरीफ ने कहा, “हम अपने पड़ोसी देश के साथ जल बंटवारे सहित विभिन्न मुद्दों पर शांति और सहयोग के लिए बातचीत के लिए तैयार हैं। हम व्यापार को बढ़ावा देने और आतंकवाद से लड़ने के लिए भी संवाद चाहते हैं।”
शरीफ ने जोर देकर कहा, “हम क्षेत्र में शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं और वार्ता के जरिए सभी लंबित विवादों का समाधान करना चाहते हैं। यदि हमारे शांति प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है, तो हम साबित करेंगे कि हमारी मंशा गंभीर और ईमानदार है।”
भारत के सख्त कदमों के बाद बदला पापिस्तान का रुख
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। इसके अतिरिक्त, भारत ने पापिस्तान से सभी प्रकार के प्रत्यक्ष और परोक्ष व्यापार पर भी प्रतिबंध लगा दिया, जिससे द्विपक्षीय व्यापार पूरी तरह से ठप हो गया।
ईरान ने भी शांति की अपील की
ईरानी सरकारी मीडिया ‘इरना’ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने भारत और पापिस्तान के बीच स्थायी युद्धविराम की आवश्यकता पर बल देते हुए क्षेत्रीय शांति के लिए संवाद को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।
विदेश मंत्रालय की ओर से भी सख्त संदेश
इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया था कि 1960 की सिंधु जल संधि को पापिस्तान की ओर से हो रहे सीमा पार आतंकवाद के चलते निलंबित किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी कहा था कि जलवायु परिवर्तन और जनसंख्या वृद्धि के चलते नई परिस्थितियां उत्पन्न हो चुकी हैं, जिनका समाधान अब पहले जैसे समझौतों से संभव नहीं है।
(अर्चना शेरी)