Sunday, December 7, 2025
Google search engine
Homeराष्ट्रParakh Saxena writes:  महीने-दो महीने मे पापिस्तान पर तीन तरफा हमले होंगे

Parakh Saxena writes:  महीने-दो महीने मे पापिस्तान पर तीन तरफा हमले होंगे

Parakh Saxena writes: दिल्ली ब्लास्ट में पापिस्तान की जो भी भूमिका आगे सामने आयेगी, ये तो तय है कि पापिस्तान को अब इसकी माफी नहीं मिलने वाली, उसे इस कायराना पाप की करारी कीमत चुकानी होगी..

Parakh Saxena writes: दिल्ली ब्लास्ट में पापिस्तान की जो भी भूमिका आगे सामने आयेगी, ये तो तय है कि पापिस्तान को अब इसकी माफी नहीं मिलने वाली, उसे इस कायराना पाप की करारी कीमत चुकानी होगी..

अंग्रेजी का शब्द है लेजिटीमेसी यानि वैधता, एक अमेरिकन थिंक टैंक से पूछा गया था कि क्या इजरायल हमास का हमला नहीं रोक सकता था? उसने कहा यदि रोक सकता या रोक देता तो उसके पास कोई वैधता नहीं होती कि गाजा को मिट्टी मे मिला दे और लेबनान को भी पीट सके।

दुनिया कुछ ऐसी ही है यदि कृष्ण शांतिदूत बनकर हस्तिनापुर ना जाते तो उस जमाने के स्वघोषित सेक्युलर पांडवो पर युद्ध करने का आरोप लगा देते और इतिहास की किताब इसे धर्म युद्ध नहीं राजनीतिक युद्ध कहती। यदि रावण ने सीताहरण नहीं किया होता तो उसका वध भी वैध नहीं होता।

कल सुबह से ही गुजरात, उत्तरप्रदेश और फ़रीदाबाद मे RDX पकड़ा रहे थे दिल्ली मे जो हुआ वो तो बस एक नाखून कटा असली जेहाद तो गुजरात और उत्तरप्रदेश मे होना था। मास्टरमाइंड पता चल चुका होगा अब तो बस सबूतों की फाइले बन रही होंगी ताकि दुनिया भर को दिखा सके और जिस देश ने ये गड़बड़ करवाई है उस पर कार्रवाई को वैध कर सके।

ठण्ड का मौसम आ चुका है ये पाकिस्तान को पीटने के लिए भारत का सबसे पसंदीदा मौसम है। भारतीय सेना को बर्फ मे लड़ने मे महारत है, अमेरिका के साथ जो सैन्य अभ्यास होते है उसमे भारतीय सेना अमेरिकी सेना को प्रशिक्षण देती है कि बर्फ़ीली जगहों पर कैसे लड़ना है।

होगा वही, सबूत इकट्ठे करके पाकिस्तान से आतंकी मांगे जाएंगे, संयुक्त राष्ट्र मे सिद्ध किया जाएगा, जयशंकर साहब दुनिया भर के देशो को कॉल करके स्थिति बताएंगे और किसी भी दिन सेना प्रवेश कर जायेगी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद इतना तो आत्मविश्वास है कि भारत पाकिस्तान का युद्ध एक तरफा है।

भारत इजरायल के मुकाबले कई गुना ज्यादा सतर्क और क्लासिक है, हर एक घटना का सबूत इकट्ठा करके फिर कार्रवाई करता है ताकि कोई प्रश्न ना उठाये। तीन बार पाकिस्तान मे घुसकर आतंकी मारे है मगर आज तक एक भी देश मानवाधिकार पर प्रश्न नहीं पूछ सका। जबकि इजरायल को कितना घेरा गया वो आप सभी ने देखा।

ये बात भी गौर करने वाली है कि राहुल गाँधी ने कुछ ही दिन पहले सेना पर जातिगत हमला किया और आज युद्ध का माहौल है। लेकिन उसका लगता नहीं कोई कनेक्शन हो पायेगा, राहुल गाँधी ने ज्यादा से ज्यादा क्या ही सोचा होगा? अंदर और बाहर के पाकिस्तान के समर्थन से गद्दी पर बैठेगा? लेकिन हम सब जानते है कि राहुल गाँधी के बयानो का जमीनी असर कुछ नहीं होता।

यदि चुनाव जीतने से मन भर गया हो तो राहुल गाँधी की कम से कम जाँच कराई जा सकती है और दोषी पाने पर सजा भी। लेकिन बीजेपी के वन पार्टी रुल के लिए राहुल मील का पत्थर है इसलिए लगता नहीं ये कुछ करेंगे।

आगे अब यही होना है कि महीने या दो महीने मे पाकिस्तान पर तीन तरफा हमला होंगे, जमीन पर भारत एकतरफा जीतेगा कुछ सैनिक वीरगति को प्राप्त होंगे तो भारत मे राजनीति खेली जायेगी। हालांकि इसका सरकार को कोई नुकसान नहीं होना उलटे वोट ही बढ़ेंगे।

आसिम मुनीर भी राहुल गाँधी की तरह बीजेपी को मिला एक वरदान ही है, याहया खान, जिया उल हक या फिर परवेज मुशर्रफ जितना दम नहीं है। इमरान खान के समर्थन और महंगाई से हो रहे आंदोलन का रुख बदलने के लिए वह युद्ध चाहता है। अंत मे होगा वही कि आसिम मुनीर किसी बंकर मे छिपकर ऑर्डर देता रहेगा।

पाकिस्तान की जनता और सैनिक क़ीमत चुका रहे होंगे और इस हमले मे BLA तथा तालिबान पाकिस्तान मे ज्यादा मजबूत हो जाएंगे। आसिम मुनीर को फिर एक वैधता मिल जायेगी कि वह सत्ता मे बना रहे और सैन्य बजट बढ़वाकर विदेशो मे प्रॉपर्टी खरीदता रहे। संभव है अमेरिका थोड़ी और भीख शायद फेक दे मगर ये अब मुश्किल है।

देखना बस यह होगा कि भारत अपनी कुछ जमीन छुड़ाने का प्रयास करेगा या ये युद्ध बस एक चट्टान है और असली पहाड़ इसके पीछे होगा।

(परख सक्सेना)

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments