Wednesday, June 25, 2025
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Parakh Saxena writes: NTR की पारिवारिक शत्रुता के दौर से आंध्र के सिरमौर तक चंद्रा बाबू नायडू की सफल संघर्ष यात्रा

Parakh Saxena का यह आलेख बताता है कि बीजेपी का आंध्र में प्लान बी रेडी हो गया है बस ज़रा सी देर है..tdp

Parakh Saxena का यह आलेख बताता है कि बीजेपी का आंध्र में प्लान बी रेडी हो गया है बस ज़रा सी देर है..
1984 के चुनावों मे इंदिरा गाँधी के लिये सहानुभूति की लहर थी हर जगह विपक्षी साफ हुए मगर आंध्रप्रदेश मे 42 मे से 30 सीटें एन टी रामाराव की TDP को चली गयी।
NTR कांग्रेस से ही अलग हुए थे और बड़ी बात ये थी कि NTR के दामाद चंद्रबाबू नायडू अब भी कांग्रेस मे थे। नायडू ने बाद मे ससुर को जॉइन कर लिया।
NTR कभी सुपरस्टार थे, कहानी भी फ़िल्मी थी कांग्रेस से बगावत करके आंध्र के मुख्यमंत्री भी बने ये उस दौर मे बहुत बड़ी बात थी। 1985 मे उनकी पत्नी का निधन हुआ और कहा जाता है यही से उनकी मति भ्रष्ट हो गयी।
उन्हें 32 साल छोटी लक्ष्मी पार्वती नाम की एक विवाहित महिला पसंद आ गयी, 65 की आयु मे संबंध बनाये और लक्ष्मी के पति ने ज़ब तलाक की अर्जी डाली उसी दिन NTR को दिल का दौरा भी पड़ गया।
NTR ने 1993 मे लक्ष्मी से शादी भी की जिससे उनका परिवार भी विरोधी हो गया। NTR के बेटों को राजनीति मे दिलचस्पी नहीं थी ऐसे मे विरासत नायडू को ही जानी थी लेकिन यहाँ भी लक्ष्मी पार्वती रास्ते मे आ गयी।
अंत मे नायडू ने NTR के परिवार को अपनी ओर किया, फिर 171 विधायक लेकर बगावत कर दीं।
NTR मुख्यमंत्री थे उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा साथ ही पार्टी भी खो दीं। 1996 मे मृत्यु हो गयी, लेकिन मृत्यु पर्व अब शुरू हुआ। मंच पर उनकी देह के पास लक्ष्मी पार्वती कुर्सी लगाकर बैठ गयी, NTR के बेटे ने अपनी माँ की तस्वीर भी मंच पर रखवा दीं।
लक्ष्मी जैसे ही शौच के लिये गयी उनकी कुर्सी गायब हो गयी, मंच पर लक्ष्मी और नायडू के समर्थको मे NTR की लाश के सामने लात घुसे शुरू हो गए।
नीचे श्रद्धांजलि देने पहुंचे भारतीय सिनेमा के दिग्गज चिरंजीवी, नागार्जुन और वेंकट तमाशा देख रहे थे। आख़िरकार पुलिस ने कुर्सी दोबारा रखवाई।
विधानसभा मे नायडू हीरो थे मुख्यमंत्री बन गए मगर भानुमति का कुनबा बिखरने का दोष उन्ही के सिर पड़ा। वे तिरुपति की शरण मे गए और फिर ऐतिहासिक निर्णय लिया। नायडू ने नया रास्ता पकड़ा और IT हब बनाने की तैयारी मे लग गए।
हैदराबाद 1999 से 2004 के बीच IT हब बना ज़ब लोगो ने कंप्यूटर ठीक से देखे भी नही होंगे। कहा जाता है यदि 2004 मे आंध्र मे कांग्रेस ना लौटी होती तो बैंगलोर और गुरुग्राम का तो आज भी नंबर नहीं लगता।
नायडू आंध्र के CM नहीं बल्कि CEO कहे जाते थे, अब भी मुख्यमंत्री है बस आंध्र छोटा हो गया। हाल ही मे एक इन्वेस्टमेंट समिट मे बोल बैठे कि हैदराबाद को IT हब बनाया अब अमरावती को AI हब बनाऊंगा।
वही NTR की दूसरी पत्नी नायडू के राजनीतिक शत्रु जगन मोहन रेड्डी की पार्टी मे है लेकिन बिल्कुल अलग थलग। NTR के सुपरस्टार पौते जूनियर NTR को तो हम जानते है ही जिन्हे बीजेपी अपने साथ लेने की इच्छा जता चुकी है मगर संघ की मोहर लगना शेष है।
(परख सक्सेना)
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