Thursday, August 7, 2025
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Ramaynam: सामने आया देश की सबसे भव्य फिल्मों में से एक ‘रामायणम’ का शानदार प्रोमो

Ramaynam फिल्म में रणबीर कपूर भगवान राम, साई पल्लवी माता सीता और यश रावण के किरदार में नज़र आएंगे..इन कलाकारों की सशक्त उपस्थिति दर्शकों की उत्सुकता को और बढ़ा रही है..

Ramaynam फिल्म में रणबीर कपूर भगवान राम, साई पल्लवी माता सीता और यश रावण के किरदार में नज़र आएंगे..इन कलाकारों की सशक्त उपस्थिति दर्शकों की उत्सुकता को और बढ़ा रही है..

देश की सबसे भव्य फिल्मों में से एक रामायणम अब अपने पहले प्रोमो के साथ सामने आ गई है, और सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा जोर पकड़ चुकी है। करीब ₹1200 करोड़ की लागत से बन रही यह फिल्म न सिर्फ भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे महंगी परियोजना मानी जा रही है, बल्कि कथावाचन और तकनीक के मेल के साथ रामकथा को आधुनिक रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास भी है।

फिल्म का निर्देशन दंगल फेम नितेश तिवारी कर रहे हैं और इसे दो भागों में रिलीज़ किया जाएगा—पहला भाग दिवाली 2026 में और दूसरा दिवाली 2027 में। निर्माताओं ने फिल्म की भव्यता सुनिश्चित करने के लिए हॉलीवुड के नामी एक्शन डायरेक्टर गाय नॉरिस को भी जोड़ा है।

इस फिल्म में रणबीर कपूर भगवान राम, साई पल्लवी माता सीता और यश रावण के किरदार में नज़र आएंगे। इन कलाकारों की सशक्त उपस्थिति दर्शकों की उत्सुकता को और बढ़ा रही है।

फिल्म के संगीत को ऑस्कर विजेता ए आर रहमान ने तैयार किया है। लेकिन जो बात इसे भावनात्मक रूप से और भी खास बनाती है वो है गीतों के बोल—जिन्हें लोकप्रिय कवि और रामकथा के गहरे अध्येता डॉ. कुमार विश्वास ने लिखा है। उनकी लेखनी की लोकप्रियता किसी से छुपी नहीं है।

हाल ही में आई अक्षय कुमार की फिल्म मिशन रानीगंज में कुमार विश्वास के गीत हम साथ चलें तो जीतेंगे ने लोगों के दिलों में जगह बनाई थी। वह गीत न सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, बल्कि राजनीतिक सभाओं और क्रिकेट मैचों तक में गूंजता रहा।

पूर्व में आई फिल्म आदिपुरुष को इसके संवाद और प्रस्तुति को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इस बार निर्माता-निर्देशकों ने रामकथा की गरिमा को ध्यान में रखते हुए एक ऐसे लेखक को चुना है जो इस विषय की गहराई को समझता हो और अपने शब्दों से उसे लोकप्रिय और संवेदनशील बना सके—और इसीलिए चुना गया है डॉ. कुमार विश्वास को।

संक्षेप में कहें तो रामायणम केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की एक गंभीर और भावनात्मक पुनर्स्थापना का प्रयास है, जो शब्द, संगीत और सिनेमाई भव्यता के माध्यम से दर्शकों से जुड़ना चाहती है।

(प्रस्तुति -अर्चना शेरी त्रिपाठी)

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