Rich India: 71 साल की उम्र, पचास हजार करोड़ की नेटवर्थ और 17 देशों में फैला कारोबार – कभी लंदन में टैक्सी चलाते थे पति..
रेणुका जगतियानी आज रिटेल और हॉस्पिटैलिटी की दिग्गज कंपनी लैंडमार्क ग्रुप की चेयरपर्सन हैं और भारत की सबसे अमीर महिलाओं की सूची में तीसरे स्थान पर हैं।
अरबपतियों की लिस्ट में जगह
भारत में अरबपतियों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है और इसमें महिलाओं ने भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। टॉप-10 अमीर भारतीय महिलाओं की इस सूची में 71 साल की रेणुका जगतियानी भी शामिल हैं। उनका कारोबार दुनिया के 24 देशों में फैला हुआ है। आज वे अरबपतियों में गिनी जाती हैं, लेकिन उनकी कहानी संघर्षों से भरी है। कभी उनके पति लंदन की सड़कों पर टैक्सी चलाकर गुजारा करते थे।
लैंडमार्क ग्रुप की चेयरपर्सन
रेणुका जगतियानी का नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। वे भारत की तीसरी सबसे अमीर महिला हैं। फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार, उनकी नेटवर्थ 5.7 अरब डॉलर (करीब 50,238 करोड़ रुपये) है। वे सावित्री जिंदल और रेखा झुनझुनवाला के बाद देश की सबसे धनी महिलाएं हैं। 2024 से अब तक उनकी संपत्ति में लगभग 1 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है।
लैंडमार्क ग्रुप दुबई स्थित बिजनेस हाउस है, जिसका रिटेल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में विशाल कारोबार है। 1973 में शुरू हुआ यह ग्रुप आज दुनिया के 24 देशों में 2200 से ज्यादा स्टोर्स चला रहा है। इनमें मिडिल ईस्ट, अफ्रीका, साउथ ईस्ट एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप शामिल हैं। भारत में यह बिजनेस 1999 में शुरू हुआ था और अब यहां 900 से अधिक स्टोर्स हैं। साथ ही होटल बिजनेस भी तेजी से बढ़ रहा है।
पति का संघर्ष: लंदन में टैक्सी चलाते थे
लैंडमार्क ग्रुप आज भले ही एक बड़ी कंपनी है, लेकिन इसकी नींव संघर्षों से भरी कहानी पर रखी गई थी। रेणुका के दिवंगत पति मिक्की जगतियानी 1970 के दशक में लंदन में टैक्सी चलाकर अपना जीवनयापन करते थे।
उनके माता-पिता 1950 के दशक में कुवैत चले गए थे, लेकिन छोटे बेटे को पढ़ाई के लिए मुंबई और बाद में लंदन के अकाउंटिंग स्कूल भेजा। मिक्की ने पढ़ाई बीच में छोड़ दी और लंदन में होटल में सफाईकर्मी और टैक्सी ड्राइवर के तौर पर काम करने लगे। साल 1972 में वे खाड़ी देश लौट आए।
1973 में माता-पिता और बड़े भाई के निधन के बाद मिक्की ने मात्र 6,000 डॉलर से बहरीन में बच्चों के प्रोडक्ट्स और खिलौनों की एक छोटी दुकान खोली। यहीं से उन्होंने लैंडमार्क की नींव रखी। धीरे-धीरे आउटलेट्स की संख्या बढ़ती गई। खाड़ी युद्ध खत्म होने के बाद 1992 में मिक्की और रेणुका दुबई चले गए, जहां उन्होंने लैंडमार्क ग्रुप की शुरुआत की और इसे रिटेल व हॉस्पिटैलिटी के बड़े कारोबार में बदल दिया।
पति की मौत के बाद संभाली बागडोर
मिक्की जगतियानी ने लैंडमार्क को फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर और होटल सेक्टर में बड़े स्तर तक फैलाया। रेणुका 1993 में ग्रुप से जुड़ीं और कारोबार में उनका हाथ बंटाने लगीं। लेकिन 2023 में रेणुका के पति का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।
इसके बाद तीन बच्चों (आरती, निशा और राहुल) की मां रेणुका जगतियानी ने हार नहीं मानी और पूरे समर्पण के साथ अपने पति का खड़ा किया हुआ साम्राज्य संभाल लिया। आज वे लैंडमार्क ग्रुप की चेयरपर्सन हैं और अपनी मेहनत व दूरदर्शिता से इस बिजनेस को आगे बढ़ा रही हैं। न सिर्फ ग्रुप का विस्तार हुआ है बल्कि उनकी नेटवर्थ भी तेजी से बढ़ी है और वे भारत की सबसे अमीर महिलाओं की सूची में शामिल हैं।