Sanskrit: पटना में आयोजित किया गया बिहार दिवस समारोह जो कि एक स्मरणीय संस्कृतमय वातावरण में संपन्न हुआ..
सर्वत्र संस्कृतम् एवं विहार संस्कृत संजीवन समाज, पटना के संयुक्त तत्वावधान में “आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान” के अंतर्गत बिहार दिवस का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार एवं बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को रेखांकित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. मुकेश कुमार ओझा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान एवं महासचिव, विहार संस्कृत संजीवन समाज, पटना, ने कहा कि बिहार की ऐतिहासिक धरोहर और गौरवमयी परंपरा को सहेजने में संस्कृत भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
समारोह का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के पूर्व गृह सचिव एवं अभियान के प्रधान संरक्षक डॉ. अनिल कुमार सिंह ने किया। उन्होंने बिहार के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भूमि प्राचीन भारतीय संस्कृति, शिक्षा और ज्ञान-विज्ञान की धरोहर रही है।
इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. रागिनी वर्मा, राष्ट्रीय संयोजिका, आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान, ने संस्कृत के प्रचार-प्रसार में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया एवं विशिष्ट अतिथि एवं संस्कृत गीतकार डॉ. अनिल कुमार चौबे के गीतों से वातावरण संगीतमय हो गया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्वानों, संस्कृत प्रेमियों, छात्रों एवं आम नागरिकों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ लीना चौहान, सदानंद प्रसाद, ललन कुमार, डॉ रम्भा कुमारी, मुरलीधर शुक्ल, उमेश कुमार, तारा विश्वकर्मा, विजेन्द्र सिंह, राजेश कुमार, रामनाथ पाण्डेय,विद्या, डॉ अदिति दुबे, अदिति चोला आदि ने उपस्थित होकर अपने अपने विचार प्रकट किए।
इस बिहार दिवस को विशेष रूप से संस्कृतमय वातावरण में मनाते हुए समाज में इसके पुनरुत्थान का संकल्प लिया गया।