Wednesday, June 25, 2025
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Sanskrit Learning Online: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर महर्षि पतञ्जलि स्मृति अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत सम्भाषण शिविर का उद्घाटन

Sanskrit Learning Online: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर महर्षि पतञ्जलि स्मृति में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत सम्भाषण का निरन्तर 33वाँ शिविर का श्रीगणेश हुआ..

Sanskrit Learning Online: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर महर्षि पतञ्जलि स्मृति में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत सम्भाषण का निरन्तर 33वाँ शिविर का श्रीगणेश हुआ..

पटना, 12 जून 2025 — “आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान” एवं “विहार संस्कृत संजीवन समाज, पटना” के संयुक्त तत्वावधान में महर्षि पतञ्जलि मुनि स्मृति अन्तर्जालीय दशदिवसात्मक अन्तर्राष्ट्रीय निरन्तर 33वाँ संस्कृत सम्भाषण शिविर का भव्य उद्घाटन समारोह सम्पन्न हुआ।

इस उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता डॉ. मुकेश कुमार ओझा ने की, जो अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महासचिव, विहार संस्कृत संजीवन समाज; पटना हैं। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा, “संस्कृत न केवल भारत की सांस्कृतिक आत्मा है, अपितु योग एवं आयुर्वेद जैसी भारत की अमूल्य परंपराओं का संवाहक भी है।

उद्घाटनकर्ता डॉ. अनिल कुमार सिंह (पूर्व सचिव, गृह विभाग, उत्तर प्रदेश) ने अपने वक्तव्य में कहा कि “महर्षि पतञ्जलि एक सार्वकालिक मनीषी थे जिन्होंने योग, आयुर्वेद एवं व्याकरण तीनों क्षेत्रों में अतुलनीय योगदान दिया।

धन्यवाद ज्ञापन डॉ. लीना चौहान (राष्ट्रीय उपाध्यक्षा) ने करते हुए कहा कि “पतञ्जलि मुनि की स्मृति में इस आयोजन का होना, संस्कृत एवं योग दोनों के प्रचार-प्रसार के लिए ऐतिहासिक पहल है।” मंच संचालन पिंटू कुमार (राष्ट्रीय संयोजक, आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान एवं शोधार्थी, दिल्ली विश्वविद्यालय) ने सरस शैली में किया।

इस उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि धमेन्द्र पति त्रिपाठी , विशिष्ट अतिथि डॉ. अनिल कुमार चौबे एवं मुख्य वक्ता शैलेन्द्र कुमार सिन्हा , डॉ. रागिनी वर्मा , उग्र नारायण झा, डॉ अखिलेश त्रिपाठी, डॉ एकता, सुजाता घोष, डॉ नीरा, ज्ञानी शारदेय, मोहन कुमार सिंह, रामनाथ पांडेय, मिथिलेश आदि ने उपस्थित होकर महर्षि पतंजलि पर अपने-अपने वक्तव्यों से सभी श्रोतागणों में ज्ञानवर्धन एवं शिविर में आने के लिए प्रेरित किया। साथ ही मुरलीधर शुक्ल, अमिता शर्मा, मीना आर्या, वन्दना पटोरिया दयानी शारदेय, तारा विश्वकर्मा आदि की उपस्थिति रहीं।

यह शिविर आगामी दस दिनों तक ऑनलाइन माध्यम से संचालित होगा, जिसमें प्रतिदिन संस्कृत सम्भाषण के साथ-साथ पतञ्जलि योगदर्शन, प्राचीन ग्रन्थों का वाचन, गीत, नाट्य एवं वैदिक मंत्रों का अभ्यास भी कराया जाएगा। यह शिविर वैश्विक स्तर पर संस्कृत के पुनरुत्थान एवं योग की मूल आध्यात्मिक परंपरा के प्रचार का एक सशक्त माध्यम बन रहा है।

(संस्कृत में सम्भाषण अति आवश्यक है। संस्कृत सम्भाषण शिविर के लिए अति शीघ्र 6299476166या 9430588296या9555642611पर सम्पर्क करें)

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