Wednesday, June 25, 2025
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Sanskrit Speaking: महर्षि पतंजलि को समर्पित संस्कृत व्याकरण ज्ञान शिविर (Online) का भव्य उद्घाटन

Sanskrit Speaking: सर्वत्र संस्कृतम् एवं आधुनिको भव संस्कृतम् वद अभियान का संस्कृत संभाषण शिक्षा का अश्वमेध अबाध गतिमान है..

Sanskrit Speaking: सर्वत्र संस्कृतम् एवं आधुनिको भव संस्कृतम् वद अभियान का संस्कृत संभाषण शिक्षा का अश्वमेध अबाध गतिमान है..

पटना, 01 जून — अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस उपलक्ष्य में “योग के जनक महर्षि पतंजलि स्मृति संस्कृत व्याकरण ज्ञान शिविर” का शुभारंभ हुआ। इस शिविर का उद्घाटन डॉ. मुकेश कुमार ओझा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान तथा महासचिव, विहार संस्कृत संजीवन समाज, के कर-कमलों द्वारा संपन्न हुआ।

शिविर के उद्घाटन समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए डॉ. ओझा ने कहा, “महर्षि पतंजलि न केवल योगशास्त्र के प्रवर्तक थे, बल्कि उन्होंने आयुर्वेद और संस्कृत व्याकरण के क्षेत्र में भी अतुलनीय योगदान दिया है। उनके योगसूत्र आज भी विश्वभर में योगाभ्यासियों के लिए आदर्श मार्गदर्शक हैं।”
मुख्यातिथि के रूप में डा उग्रनारायण झा अधिवक्ता पटना उच्च न्यायालय पाटिलपुत्र ने महर्षि पतंजलि के जीवन तथा आदर्श पर प्रकाश डालते हुए अपने मुल्यवान वक्तव्य को रखें।

इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन सुश्री सुजाता घोष, संस्कृत शोधार्थी, असम यूनिवर्सिटी, सिलचर द्वारा किया गया। उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए महर्षि पतंजलि के बहुआयामी योगदान पर प्रकाश डाला।

शिविर में भाग लेने वाले प्रमुख सदस्य — ज्ञानी शारदेय, अमृता, और मीणा आर्या — ने व्याकरण की महत्ता पर विचार साझा किए और कहा कि पतंजलि की “महाभाष्य” संस्कृत व्याकरण का शिखर ग्रंथ है, जो आज भी भाषा-शास्त्रियों के लिए प्रेरणा स्रोत बना हुआ है

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