Space – Our Milky Way: मतलब ये है कि अब मिल्की वे और एंड्रोमेडा की टक्कर हो गई है अनिश्चित..
NASA और ESA द्वारा जारी एक कलात्मक चित्रण में मिल्की वे और एंड्रोमेडा आकाशगंगाओं की संभावित टक्कर को दर्शाया गया है। लंबे समय से माना जा रहा था कि ये दोनों आकाशगंगाएं लगभग 5 अरब वर्षों में एक-दूसरे से टकराकर एक नई आकाशगंगा “मिल्कोमेडा” का निर्माण करेंगी। लेकिन Nature Astronomy में छपी ताज़ा रिसर्च के अनुसार, अब इस टक्कर की संभावना केवल 50% बची है।
Gaia और Hubble जैसे आधुनिक अंतरिक्ष दूरबीनों से प्राप्त आंकड़ों में यह संकेत मिला है कि “लार्ज मैगेलैनिक क्लाउड” जैसी छोटी आकाशगंगाएं मिल्की वे की गति को बदलकर उसे एंड्रोमेडा से दूर ले जा सकती हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, “हमारी आकाशगंगा का भविष्य अभी भी पूरी तरह से खुला है।”
इस शोध में एक नया शब्द भी सामने आया है — गैलेक्टिक एसकैटोलॉजी, यानी आकाशगंगाओं के अंतिम भाग्य का अध्ययन।
हवा बन गई नई जासूस
आयरलैंड के डबलिन शहर की हवा से लिए गए नमूनों में वैज्ञानिकों ने पर्यावरणीय DNA (eDNA) तकनीक से न सिर्फ इंसानों और रोगजनकों की पहचान की, बल्कि अफीम, गांजा और मैजिक मशरूम जैसे नशे वाले पौधों के जैविक अंश भी पाए।
यह तकनीक जहां पर्यावरणीय निगरानी में क्रांति ला रही है, वहीं निजता और निगरानी को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
प्राकृतिक रूप में पहली बार दिखा कीड़ों का टावर
पहली बार वैज्ञानिकों ने जर्मनी के एक बाग में Caenorhabditis नामक नेमाटोड कीड़ों को प्राकृतिक वातावरण में एक-दूसरे पर चढ़कर टावर बनाते देखा है। यह विचित्र व्यवहार उन्हें गुजरते जानवरों पर चढ़कर यात्रा करने में मदद करता है—एक तरह का कीटों का “हिचहाइकिंग” सिस्टम।
कोलंबिया में मिला 6,000 साल पुराना रहस्यमयी मानव समुदाय
कोलंबिया के बोगोटा अल्टिप्लानो क्षेत्र में पाए गए 21 प्राचीन कंकालों के DNA विश्लेषण से पता चला है कि यहां एक अद्वितीय शिकारी-संग्राहक समुदाय हज़ारों वर्षों तक रहा और करीब 2,000 साल पहले लुप्त हो गया। यह समूह न तो उत्तरी अमेरिका और न ही दक्षिण अमेरिका की किसी ज्ञात आबादी से मेल खाता है — यह एक अनोखी, आधारभूत वंशावली थी।
असीरियाई काल में भी था आईलाइनर का चलन
ईरान के उत्तर-पश्चिमी इलाके में 3,000 साल पुराने एक कब्रिस्तान में ऐसे बर्तन मिले हैं जिनमें ग्रेफाइट और मैंगनीज़ से बने “कोहल” जैसे आईलाइनर के अवशेष पाए गए। इस खोज से स्पष्ट है कि उस दौर में पुरुष और महिलाएं दोनों ही आंखों की सजावट करते थे। ग्रेफाइट की चमकदार परतें आंखों को धात्विक लुक देती थीं — जो आज भी फैशन में है।
कनाडा में मिली 37 करोड़ साल पुरानी मछली की नई प्रजाति
कनाडा के नुनावुत क्षेत्र से वैज्ञानिकों ने Onychodus mikijuk नामक मछली की एक नई प्रजाति के जीवाश्म खोजे हैं। यह प्रजाति लगभग 370 मिलियन वर्ष पहले अस्तित्व में थी और इसके दांत “टूथ व्हॉर्ल्स” जैसे थे — यानी गोल घूमने वाले आरी जैसे दांत, जो इसे अन्य मछलियों से अलग बनाते हैं।
(प्रस्तुति -त्रिपाठी इन्द्रनील)