Vaibhav Suryavanshi: रोहित शर्मा का सराहनीय रवैया: 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी को मिली हौसला बढ़ाने वाली सीख, डक के बावजूद बने प्रेरणा का स्रोत..
क्रिकेट वह खेल है जो कभी बुलंदियों पर पहुंचाता है तो कभी पल भर में जमीन दिखा देता है — और ये सच्चाई वैभव सूर्यवंशी ने मुंबई इंडियंस (MI) के खिलाफ शून्य पर आउट होकर महसूस की। वही वैभव, जिसने हाल ही में गुजरात टाइटंस (GT) के खिलाफ सिर्फ 35 गेंदों में शतक ठोक कर टी20 क्रिकेट का सबसे कम उम्र का शतकवीर बनने का कारनामा किया था।
महज 14 साल के वैभव के पास अभी सीखने को बहुत कुछ है, लेकिन उसकी प्रतिभा पहले ही चमकने लगी है। लखनऊ सुपरजायंट्स (LSG) के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में ही उसने तूफानी 34 रन ठोके थे और IPL की पहली ही गेंद पर शार्दुल ठाकुर को छक्का जड़ दिया था।

मुंबई के खिलाफ जब दीपक चाहर ने वैभव को आउट किया, तब एक खूबसूरत क्षण देखने को मिला — रोहित शर्मा खुद आगे बढ़े, वैभव की पीठ थपथपाई और उसे ढाढ़स बंधाया, मानो कह रहे हों, “कोई बात नहीं, गिरना खेल का हिस्सा है, उठो और फिर चमको।” इस इशारे में खेल भावना और नेतृत्व की गहराई छिपी थी।
मैच खत्म होने के बाद भी, जब खिलाड़ी हाथ मिला रहे थे, रोहित ने वैभव को फिर से कुछ प्रेरणादायक बातें कही।
रवि शास्त्री, जो उस वक्त कमेंट्री कर रहे थे, ने कहा:
“वो सीखेगा। रोहित शर्मा के ये प्रेरणादायक शब्द बहुत अहम हैं।”
उन्होंने आगे जोड़ा:
“हर मुंबई इंडियंस का खिलाड़ी जब वैभव के पास से गुज़रा, उसने हौसला बढ़ाने वाली बात कही। रोज़ ऐसे खिलाड़ी नहीं आते — 14 साल की उम्र में शतक लगाना कोई मामूली बात नहीं। आज भले ही 0 पर आउट हुआ हो, लेकिन यही तो क्रिकेट है। यही सबक ज़िंदगी और खेल दोनों में काम आएगा।”
यह सिर्फ एक खेल का क्षण नहीं था, बल्कि खेल भावना, इंसानियत और नेतृत्व की परिभाषा का सुंदर उदाहरण भी था।