Cricket: दुनिया के सबसे अच्छे फिनिशर को भूलना नहीं..हो सकता है आगे कोई उनको भी पछाड़ दे पर फिलहाल नहीं..
कहा जाता है कि अंत भला तो सब भला लेकिन किसी क्रिकेट मैच में अंत भला होगा कैसे? किसी भी मुकाबले का अंत करने के लिए टीम में एक अच्छा डेथ बोलर या फिर एक बेहतरीन फिनिशर बल्लेबाज का होना अति आवश्यक होता है।
क्रिकेट में फिनिशर एक ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनते ही वर्तमान में महेंद्र सिंह धोनी और एबी डीवीलियर्स को याद किया जाता है। निःसंदेह महेंद्र सिंह धोनी और एबी डीवीलियर्स दिनों महान फिनिशर हैं लेकिन अगर क्रिकेट की दुनिया के सबसे महान फिनिशर की बात की जाए तो वह माइकल बेवन ही लगते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के माइकल बेवन को आखिर क्रिकेट की दुनिया का सबसे महान फिनिशर बल्लेबाज क्यों माना जाता है यह सवाल सबके मन में आता ही होगा। यूं तो माइकल बेवन ने एक फिनिशर के तौर पर ऑस्ट्रेलिया को कई मुकाबलों में जीत दिलाई है लेकिन एक मुकाबला ऐसा भी खेला गया था जो ऐतिहासिक रहा था।
यह मुकाबला साल 2000 में एशिया इलेवन और शेष विश्व इलेवन या रेस्ट ऑफ वर्ल्ड इलेवन के बीच खेला गया था। एशिया इलेवन की टीम में एशिया के अलगबख देशों के चुने हुए क्रिकेटर थे वहीं रेस्ट ऑफ वर्ल्ड इलेवन में एशिया के एशिया के अलावा अन्य देशों के क्रिकेटर शामिल थे। एशिया इलेवन के कप्तान वसीम अकरम थे वहीं रेस्ट ऑफ वर्ल्ड इलेवन के कप्तान मार्क वा थे।
ढाका में 8 अप्रैल 2000 को दोनों टीमों के बीच यह वनडे मुकाबला खेला गया था। टॉस एशिया इलेवन के कप्तान वसीम अकरम ने जीता था और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था।
एशिया इलेवन की तरफ से सनथ जयसूर्या और सचिन तेंदुलकर ने ओपनिंग की थी। सनथ जयसूर्या 8वें ओवर की दूसरी गेंद पर टीम के कुल स्कोर 49 रन पर 16 गेंद पर 2 चौके की सहायता से 12 रन बनाकर नैनटी हेवार्ड की गेंद पर आउट हुए। एशिया इलेवन के लिए सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने अर्धशतकीय पारियां खेली।
सचिन तेंदुलकर ने 77 गेंद पर 11 चौकों की सहायता से 80 रन बनाए। सौरव गांगुली ने 66 गेंद पर 6 चौके और 3 छक्के की सहायता से 67 रन बनाए। एशिया इलेवन ने 50 ओवरों में 9 विकेट खोकर 320 रन बनाए। रेस्ट ऑफ वर्ल्ड इलेवन की तरफ से नैनटी हेवार्ड ने सबसे अधिक तीन विकेट लिए।
रेस्ट ऑफ वर्ल्ड इलेवन ने 321 रनों के इस बड़े रन चेज की शुरुआत की। उनकी तरफ से नील जॉनसन और उनके कप्तान मार्क वा ओपनिंग करने उतरे। वसीम अकरम ने 5वें ओवर की चौथी गेंद पर नील जॉनसन को 2 रनों की निजी योग पर आउट करके अपनी टीम को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद रेस्ट ऑफ वर्ल्ड इलेवन के मार्क वा,जैक्स कैलिस, लांस क्लूजनर,एडम गिलक्रिस्ट और क्रिस केयर्न्स सस्ते में आउट हो गए लेकिन एक छोर पर माइकल बेवन डटे रहे।
रेस्ट ऑफ वर्ल्ड इलेवन का स्कोर एक समय 37 ओवर में 7 विकेट खोकर 196 रन था। अभी भी उनको जीत के लिए बची हुई 78 गेंद पर 125 रन बनाने थे। इस बीच एंड्रयू कैडिक ने माइकल बेवन का साथ दिया और माइकल बेवन ने वह करके दिखाया जिसके लिए वह जाने जाते हैं।
रेस्ट ऑफ वर्ल्ड इलेवन को आखिरी ओवर में जीत के लिए 20 रनों की जरूरत थी। आखिरी ओवर एशिया इलेवन की तरफ से अब्दुल रज्जाक करने आए। 20 वर्षीय अब्दुल रज्जाक को भी नहीं मालूम था कि इस ओवर में उनके साथ क्या होगा।
ओवर की पहली गेंद पर स्ट्राइक पर एंड्रयू कैडिक थे। पहली गेंद बल्ले पर नहीं लगी लेकिन एंड्रयू कैडिक एक रन के लिए भागे और पूरा भी कर लिया। अब स्ट्राइक पर माइकल बेवन थे जो 168 रनों पर खेल रहे थे। अब्दुल रज्जाक की ओवर की दूसरी गेंद पर माइकल बेवन ने चौका जड़ा।
अब जीत के लिए उनकी टीम को 4 गेंद पर 15 रनों की जरूरत थी। अगली गेंद पर बेवन ने फिर से चौका जड़ दिया और अब उनकी टीम को जीत के लिए 3 गेंद पर 11 रनों की जरूरत थी। रज्जाक कुछ समझ पाते कि अगली गेंद पर फिर से बेवन ने चौका जड़ दिया।
अब रेस्ट ऑफ वर्ल्ड इलेवन को जीत के लिए दो गेंदों पर 7 रनों की जरूरत थी। ओवर की पांचवीं गेंद पर माइकल बेवन ने गेंद को मिड ऑन बाउंड्री की तरफ खेल जहां सब्स्टीट्यूट फील्डर के रूप ने तेज तर्रार रॉबिन सिंह खड़े थे। उन्होंने गेंद को फील्ड किया और नॉन स्ट्राइक छोर की तरफ थ्रो किया।
थ्रो बेहद सटीक था और एक टप्पा खाकर सीधे स्टंप की तरफ जा रहा था इस बीच रज्जाक ने अपने हाथ वापस खींचे और थ्रो को सीधे स्टंप पर लगने दिया। दो रन के लिए भाग रहे एंड्रयू कैडिक क्रीज में नहीं पहुंचे थे। कैडिक 32 गेंद पर 23 रन बनाकर और 8वें विकेट के लिए बेवन के साथ 12.5ओवरों में 119 रनों की जबरदस्त साझेदारी करके रन आउट हो चुके थे।
रेस्ट ऑफ वर्ल्ड इलेवन को अब एक गेंद पर जीत के लिए 6 रनों की जरूरत थी। स्ट्राइक पर माइकल बेवन थे। अब्दुल रज्जाक ने गेंद फेंकी और माइकल बेवन ने चौका जड़ दिया। एशिया इलेवन केवल 1 रनों से मुकाबला जीत चुका था। माइकल बेवन 132 गेंद पर 19 चौके और 5 छक्के की सहायता से 185 रन बनाकर नाबाद रहे थे। एंड्रयू कैडिक का वह रन आउट होना रेस्ट ऑफ वर्ल्ड इलेवन के लिए घातक साबित हुआ था।
यह माइकल बेवन की पारी उनकी फिनिशिंग स्टाइल और उनकी मैच फिनिशिंग की क्षमता को बताने के लिए काफी है। भले ही अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके हों लेकिन वनडे क्रिकेट की एक महान पारी खेलकर माइकल बेवन ने साबित किया था कि वह दुनिया के सबसे महान फिनिशर क्यों कहे जाते हैं।
(अज्ञात वीर)