Wednesday, October 22, 2025
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Acharya Anil Vats presents: चैत्र नवरात्र की तिथि, पूजन, शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि

Acharya Anil Vats के इस आलेख से जानिये कल से प्रारंभ हो रही नवरात्रि में पूजन, शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि ..

Acharya Anil Vats द्वारा प्रस्तुत इस आलेख से जानिये कल से प्रारंभ हो रही नवरात्रि में पूजन, शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि ..

या देवी सर्वभूतेषु मातृ रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

चैत्र नवरात्रि 2025 तिथि पूजन शुभ मुहूर्त‼️
उदयातिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्र रविवार, 30 मार्च रविवार 2025 से ही शुरू होने जा रहा है।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त‼️
चैत्र नवरात्रि के लिए कलश स्थापना के दो विशेष मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं-

पहला मुहूर्त_ प्रतिपदा के एक तिहाई समय में कलश स्थापना करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जो 30 मार्च 2025 को सुबह 06,14 से 10,21 बजे तक है।

दूसरा मुहूर्त_ अभिजीत मुहूर्त, 30 मार्च 2025 को दोपहर 12,02 से 12,50 बजे तक है, जब कलश स्थापित किया जा सकता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घटस्थापना का सर्वोत्तम समय प्रातःकाल होता है, जिसे चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दौरान किया जाता है। यदि इस समय चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग उपस्थित हो, तो घटस्थापना को टालने की सलाह दी जाती है।

घटस्थापना का महत्व‼️
कलश स्थापना केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह देवताओं की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन भी है।

कलश के मुख पर- भगवान विष्णु
गले में- भगवान शिव
नीचे के भाग में- भगवान ब्रह्मा
मध्य में- मातृशक्ति (दुर्गा देवी की कृपा)
इसलिए, घटस्थापना का सही समय और विधि अपनाकर देवी की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

घटस्थापना की सही विधि‼️
साफ-सफाई करें: जिस स्थान पर घटस्थापना करनी है, वहां गंगाजल का छिड़काव करें और उसे पवित्र करें।

मिट्टी का पात्र लें: इसमें जौ बोएं, जो समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं।

कलश की स्थापना करें: मिट्टी के घड़े में जल भरें, उसमें गंगाजल, सुपारी, अक्षत (चावल), दूर्वा, और पंचपल्लव डालें।

नारियल रखें: कलश के ऊपर लाल या पीले वस्त्र में लिपटा हुआ नारियल रखें।

मां दुर्गा का आह्वान करें: मंत्रों का जाप करें और कलश पर रोली और अक्षत अर्पित करें।

नवरात्रि के दौरान दीप जलाएं: घटस्थापना के साथ अखंड ज्योति प्रज्वलित करें, ताकि घर में सुख और शांति बनी रहे।

घटस्थापना के लाभ‼️
घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
देवी दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
मनोकामनाएं पूरी होने का विश्वास है।
घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
इस शुभ महोत्सव में ही कलश की स्थापना कर अच्छा रहेगा। दुर्गा जी के नौ भक्तों में सबसे पहले शैलपुत्री की आराधना की जाती है।

चैत्र नवरात्रि 2025 के कार्यक्रम‼️
चैत्र नवरात्रि 2025 का 09 दिनों का पूजा कैलेंडर के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है।

प्रत्येक दिन एक देवी का पूजन किया जाता है, और हर देवी के स्वरूप में अलग-अलग प्रकार की शक्ति और आशीर्वाद समाहित होते हैं।

इस बार नवरात्रि 08 दिन की होगी लेकिन ज्वारे विसर्जन नवम दिन 07 अप्रैल को ही होगा।

तिथि दिनांक वार देवी पूजा
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प्रतिपदा_ 30 मार्च, रविवार, मां शैलपुत्री।
द्वितीया_ 31 मार्च, सोमवार, मां ब्रह्मचारिणी।
तृतीया_ 01 अप्रैल, मंगलवार, मां चंद्रघंटा।
चतुर्थी,पंचमी_ 02 अप्रैल, बुधवार, मां कूष्मांडा- स्कंदमाता।
षष्ठी__ 03 अप्रैल, गुरुवार, मां कात्यायनी।
सप्तमी_ 04 अप्रैल, शुक्रवार, मां कालरात्रि।
अष्टमी_ 05 अप्रैल, शनिवार, मां महागौरी।
नवमी_ 06अप्रैल, रविवार, मां सिद्धिदात्री।

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