Tuesday, October 21, 2025
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Mahesh Kuriyal writes: मोदी योगी को सबक सिखाने वालों याद रखो- काल दंड गहि काहु न मारा !

Mahesh Kuriyal की लेखनी ने गंभीर शब्दों से दर्पण दिखाया है आत्महंता हिन्दू को जो जितना कन्फ्यूज़ है उतना ही मूर्ख भी है.. अपनी गौरवमयी विरासत से कुछ सीख सकता तो कदाचित इतना अकर्मण्य न होता ये तथाकथित हिन्दू..

Mahesh Kuriyal की लेखनी ने गंभीर शब्दों से दर्पण दिखाया है आत्महंता हिन्दू को जो जितना कन्फ्यूज़ है उतना ही मूर्ख भी है.. अपनी गौरवमयी विरासत से कुछ सीख सकता तो कदाचित इतना अकर्मण्य न होता ये तथाकथित हिन्दू..

वक्फ बोर्ड के लिए बैक_अप मांगना पड़ रहा है

इधर बलरामायटिस  के शिकार पुराने, हर समय के नकारात्मक जी,  कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि जे नहीं हुआ जी , जे एस्सा होना चैय्यै जे  वैस्सा होना चैय्ये.. अरे भाई चैय्ये तो तब भी था जब एक तपस्वी जिसने पूरा जीवन मां भारती को समर्पित कर रखा है वह चिल्ला चिल्ला कर आपसे चार सौ पार की मांग कर रहा था,, चार सौ तो छोड़िए पूरा बहुमत तक नहीं दिया, ऊपर से घमंड ऐसा कि बस यही सबसे बड़े चाणक्य अवतरित हो गए  हैं.…

यह हिन्दू समाज सदियों से आत्महंता प्रवृत्ति का शिकार रहा है, यही पैटर्न रहा स्यात् हम पहाड़ों के दुर्गम इलाकों तक भागने वाले भूल चुके हैं कि जिन शिखा सूत्र गौ माता , शास्त्रों के लिए हमारे पुरखे ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में आए, जिस जनेऊ को औरंगजेब की तलवार न उतार सकी  वो जनेऊ हमने अपने ही हाथों से खूंटी पर टांग दिया , हमने  अपने ही बीच से आपसी मनमुटाव में पृथ्वी राज चौहान से बदला लिया , तो बदला क्या पूरे भारत का भविष्य ही बदल गया ,, हम वीर शिवाजी के उस प्रतापी पुत्र शंभाजी का बलिदान भूल गए हैं। उनको धोखा देने वाले अहंकारी तब भी इसी समाज में थे , अब भी हैं..

 मोदी योगी को सबक सिखाने वाले

अब बताइए आपके  इस मोदी को नीचा दिखाने की मानसिकता से पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो वक़्फ बोर्ड को असीमित अधिकार देने के तुगलकी फरमान को बदलना भी कठिन हो रहा है, कई समझौते मान मुनब्बल .. के बाद यह  पास हो भी गया तब भी, जनसंख्या नियंत्रण का कठोर फैसला तो गया ठंडे बस्ते में , घुसपैठियों को बाहर करना और भी संघर्ष पूर्ण , … और जनसंख्या नियंत्रण नहीं हुआ तो अगले पांच दस साल बाद ब्रह्मा जी भी वरदान देगें कि हिन्दू एकजुट होकर वोट करे तब भी अधिकतम एक या  दो बार आप सरकार बना लोगे , पर तब जब  इन दस सालों में पैदा होने वाली उनकी नई पीढ़ी वोट देने की उम्र में आ गई तब वो ओवैसी की हिजाब वाली दारुल इल्लामी  घोषणा ही चलेगी ..

जिसकी जितनी संख्या.. खटाखट…

तब तक समेटो जितना समेट सकते हो ..   झेलो झेलना हमारे तुम्हारे बच्चों को ही  पड़ेगा , मोदी योगी के बाल बच्चों ने नहीं झेलना वह तो नि:स्वार्थ अपना जीवन समर्पित करके लगे हुए हैं , और अंत तक लगे रहेंगे,  दिल्ली में दो बाल्टी पानी , और खटाखट, खटाखट पर बिकने वाली कौम  ..

बल बढ़िया है अब जिन लोगों को इल्लामी यूनिभर्सिटी और हिजाब, जिहाद, गर्व से कहो मैं पहाड़ी, मैं कुमाउंनी , मैं मैदानी, मैं…. ही  चाहिए उनमें से किसी किसी का मूंछ मरोड़ू  ठाकुरत्व तो उत्तराखंड में देवभूमि के अनुरूप नाम रखने भर से उबाल मार रहा है..

महाकाल की चेतना बकाया नहीं रखती सब पर समान दृष्टि रहती है  सबको कर्मानुसार उचित फल भी देगी ,, जो समाज जैसा डिजर्व करता है उसी के अनुरूप फल भी प्राप्त करता है।

काल दंड गहि काहु न मारा …

(महेश कुरियाल)

 

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