Satish Chandra Mishra के इस आलेख से जानिये वक्फ के नाम पर जमीन हथियाने के इस सिलसिले की सच्चाई..
वक्फ़ के नाम पर वक्फ़ की आड़ लेकर जमीनों पर डकैती कैसे डाली जाती रही, उसे बेशर्म राजनीतिक संरक्षण कैसे मिलता रहा, देश की पीठ में खंजर मारकर उस संरक्षण को संवैधानिक रूप देने का कुकर्म कांग्रेस ने कैसे किया, देश के साथ यह शर्मनाक देशघाती विश्वासघात कांग्रेस ने कितनी नीचता और निर्लज्जता से किया। आज यह सच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने संसद में पूरे देश को बताया।
इसके अतिरिक्त इस जमीन डकैती के पक्ष में खड़े निर्लज्ज नेताओं की घृणित वोट परस्ती का सच भी किरेन रिजीजू ने हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के फैसलों का उदाहरण देकर देश को बताया।
जब किरेन रिजीजू बोल रहे थे तो उनके सच से जमीन डकैत भूमाफियाओं के संरक्षक नेताओं के लटके हुए मुंह पर बहुत मोटा ताला लटका हुआ था। यानि किरेन रिजीजू शत प्रतिशत सच बोल रहे थे।
इसके अतिरिक्त देश के सनातनद्रोही, हिन्दू विरोधी तथाकथित सेक्युलर नेताओं और यूट्यूबर खलिहर खैरातियों, तथा दिल्ली के दलाल पत्रकारों के मुंह पर सबसे जोरदार जूता आज जदयू ने जड़ा।
आज जदयू ने इस वक्फ़ संशोधन विधेयक का समर्थन तो किया ही, लेकिन जिस शैली में किया, वह उन सभी विरोधियों के मुंह पर जूतों की बरसात से कम नहीं था, जो कल से इस बिल के Retrospective होने को लेकर भांति भांति की अपनी नग्नता का प्रदर्शन करने वाला कैबरे डांस पिछले कई दिनों से लगातार कर रहे थे।
वक्फ़ की नक़ाब में जमीन लूटने वाले जमीन लुटेरों के हमदर्द संरक्षकों की दिवालिया राजनीतिक सोच और मानसिक विचलन का सर्वश्रेष्ठ नमूना आज संसद में दिखाया अखिलेश यादव ने। लगभग 20 मिनट के अपने भाषण में अखिलेश यादव ने वक्फ़ बिल पर मात्र 5 मिनट ही बोला। जो बोला उससे सिद्ध हो गया कि वक्फ़ बिल पर मात्र मजहबी तुष्टिकरण का संदेश देने के अतिरिक्त पूरे विरोधी खेमे के पास कहने के लिए कुछ भी तार्किक तथ्यात्मक नहीं है।