Friday, August 8, 2025
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Om Namah Shivaye: काशी के पास एक चमत्कारी मंदिर, जहां यमराज भी हार गए 

Om Namah Shivaye:मार्कण्डेय महादेव मंदिर का यह रहस्य जानने योग्य है..

Om Namah Shivaye:मार्कण्डेय महादेव मंदिर का यह रहस्य जानने योग्य है..

सावन का महीना आते ही भगवान शिव की नगरी काशी में भक्ति और आस्था का माहौल और भी गहरा हो जाता है। इसी काशी के पास कैथी गांव में एक ऐसा मंदिर है, जिसे मार्कण्डेय महादेव मंदिर कहा जाता है। यहां के बारे में मान्यता है कि मृत्यु के देवता यमराज भी यहां हार गए थे।

क्यों खास है यह मंदिर?

धार्मिक कथाओं के अनुसार, ऋषि मृकण्ड के पुत्र मार्कण्डेय की उम्र सिर्फ 14 साल तय थी। जब यमराज उन्हें लेने आए तो उनके माता-पिता ने गंगा और गोमती के संगम पर रेत से शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की तपस्या शुरू की। भगवान शिव प्रसन्न होकर प्रकट हुए और यमराज को रोक दिया। उन्होंने यमराज से कहा कि जो भी भक्त उनका सच्चे मन से पूजन करेगा, वह अमर रहेगा। तभी से मार्कण्डेय महादेव मंदिर आस्था का एक बड़ा केंद्र बन गया।

सावन में उमड़ती है भक्तों की भीड़

सावन में इस मंदिर में विशेष पूजा होती है, खासकर त्रयोदशी के दिन। इस दिन महिलाएं अपने पुत्र की लंबी उम्र और पति की सलामती के लिए पूजा करती हैं। यहां महामृत्युंजय जाप, रुद्राभिषेक, शिवपुराण कथा और सत्यनारायण कथा जैसे धार्मिक आयोजन भी होते हैं। महाशिवरात्रि पर दो दिन तक जलाभिषेक होता है और ‘हर हर महादेव’ की गूंज मंदिर परिसर में गूंजती रहती है।

यमराज का भय नहीं रहता

एक खास मान्यता है कि अगर कोई भक्त बेलपत्र पर भगवान श्रीराम का नाम लिखकर शिवजी को अर्पित करता है, तो उसके पुत्र की उम्र लंबी होती है और यमराज का डर समाप्त हो जाता है। उत्तर प्रदेश का पर्यटन विभाग भी इस मंदिर को शिव कृपा का प्रतीक मानता है।

(प्रस्तुति- त्रिपाठी किसलय इन्द्रनील)

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