Friday, August 8, 2025
Google search engine
Homeधर्म- ज्योतिषShrawan 2025: इस तरह मिल सकता है 1 करोड़ शिवलिंग की पूजा...

Shrawan 2025: इस तरह मिल सकता है 1 करोड़ शिवलिंग की पूजा का पुण्य

Shrawan 2025: इस महान पुण्य के अर्जन के लिये भगवान राम ने की थी कोटेश्वर महादेव की स्थापना

Shrawan 2025: इस महान पुण्य के अर्जन के लिये भगवान राम ने की थी कोटेश्वर महादेव की स्थापना

जब भगवान राम 14 साल का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस आ रहे थे उस समय उन्होंंने ऋषि भारद्वाज के दर्शन किये थे। उस समय ऋषि की सलाह पर कोटेश्वर महादेव की स्थापना की थी।

सावन के महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहती है। प्रयागराज के शिवकुटी इलाके में एक प्राचीन शिव मंदिर है, जिसे भगवान राम ने बनवाया था। यह मंदिर गंगा किनारे स्थित है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन मात्र से जीवन के सारे पाप मिट जाते हैं। इसे कोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।

ऋषि भारद्वाज ने भगवान राम को आशीर्वाद क्यों नहीं दिया?

कोटेश्वर महादेव मंदिर की कहानी बहुत रोचक है। कहते हैं कि जब भगवान राम रावण को मारकर माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौट रहे थे, तब उन्होंने प्रयाग में ऋषि भारद्वाज से आशीर्वाद लेने की सोची। लेकिन ऋषि ने आशीर्वाद देने से मना कर दिया।

जब भगवान राम ने कारण पूछा, तो ऋषि भारद्वाज ने बताया – “आपने रावण को मारकर लोगों को उसके अत्याचार से तो मुक्त किया, लेकिन रावण वेदों का ज्ञाता और विद्वान था। उसका वध करने से आपको ब्रह्महत्या का पाप लग गया है।”

भगवान राम चिंतित हो गए और उन्होंने ऋषि से इस पाप से मुक्ति का उपाय पूछा। ऋषि ने कहा – “आपको गंगा किनारे 1 करोड़ शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा करनी होगी।”

भगवान राम सोच में पड़ गए कि इतने शिवलिंग बनाने में बहुत समय लग जाएगा। तब ऋषि भारद्वाज ने उन्हें एक आसान तरीका बताया – “प्रयाग की गंगा की रेत का हर एक कण एक शिवलिंग के बराबर है।”

भगवान राम ने गंगा की रेत से एक शिवलिंग बनाया, जिसमें 1 करोड़ रेत के कण थे। इस तरह कोटेश्वर महादेव की स्थापना हुई। फिर भगवान राम ने ऋषि का आशीर्वाद लेकर अयोध्या की ओर प्रस्थान किया।

पुराणों में भी है कोटेश्वर महादेव का वर्णन

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के इतिहासकार डॉ. योगेश्वर तिवारी के अनुसार, शिवकुटी स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर बहुत प्राचीन है। इसका जिक्र पुराणों में भी मिलता है। भगवान राम ने ऋषि भारद्वाज की सलाह पर ही इसकी स्थापना की थी।

1 करोड़ शिवलिंग की पूजा का फल मिलता है

इस मंदिर में फल, फूल, दूध, धतूरा और गंगाजल चढ़ाने से 1 करोड़ शिवलिंग की पूजा का पुण्य मिलता है। मान्यता है कि अगर पति-पत्नी साथ में पूजा करें, तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

प्रयागराज में भगवान राम द्वारा बनाए गए इस शिवलिंग को कोटितीर्थ भी कहते हैं। माघ मेले और कुंभ के दौरान करोड़ों श्रद्धालु यहां पूजा करके पुण्य कमाते हैं।

(प्रस्तुति – अंकिता सिंह)

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments