Tuesday, October 21, 2025
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Nepal in Fire: उपद्रवियों ने पशुपतिनाथ मंदिर पर किया हमला – नेपाल जलाने वालों का असली चेहरा हुआ बेनकाब

Nepal in Fire: पशुपतिनाथ मंदिर पर हमले से अब ये बात सामने आ गई है कि ये उपद्रवी हिन्दू भी नहीं , नेपाली भी नहीं और ये जेन ज़ी भी नहीं  -ये हैं डीप स्टेट के मोहरे..

Nepal in Fire: पशुपतिनाथ मंदिर पर हमले से अब ये बात तो सामने आ गई है कि ये उपद्रवी हिन्दू भी नहीं , नेपाली भी नहीं और ये जेन ज़ी भी नहीं  -ये हैं डीप स्टेट के मोहरे..

पशुपतिनाथ मंदिर पर हमला करके गलती कर दी नेपाल के उपद्रवियों ने ! अब ये बात तो साफ हो गई है कि ये लोग अंतर्राष्ट्रीय साजिश का नेपाली हिस्सा हैं..सारा खेल डीप स्टेट का है जिसे चीन के चमचे नेपाल पर भी उतना ही क्रोध है जितना वो भारत पर कुपित है..

फिलहाल, नेपाल में पीएम और राष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद सेना ने संभाली बागडोर सम्हाल ली है। पशुपतिनाथ मंदिर पर उपद्रवियों के हमले को नाकाम करने के बाद सेना ने उन्हें सख्त चेतावनी जारी की है। भारत से प्रधानमन्त्री मोदी ने नेपाल के आमजनों से शांति की अपील की है।

नेपाल में लगातार बढ़ती हिंसा और अशांति के बीच प्रधानमंत्री केपी ओली ने इस्तीफा दे दिया। उनके साथ राष्ट्रपति ने भी पद छोड़ा, जिसके बाद देश की कमान नेपाली सेना ने अपने हाथों में ले ली है। हालात को काबू में लाने के लिए सेना ने साफ चेतावनी दी है कि यदि हिंसा, लूटपाट और आगजनी बंद नहीं हुई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने नेपाल के नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

हिंसा की पृष्ठभूमि

नेपाल में विरोध प्रदर्शन भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध का बहाना लेकर शुरू हुए थे। योजनाबद्ध तरीके से चल रहे इस षडयन्त्र का हिस्सा बने लोगों ने धीरे-धीरे हिंसक प्रदर्शन प्रारंभ कर दिये और राजधानी समेत कई शहरों में आगजनी, तोड़फोड़ और लूटपाट की घटनाओं को अन्जाम देना शुरू कर दिया । सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री निवास, नेताओं के निवास स्थान, बैंकों, रेलवे ट्रैक्स, संसद भवन, पुलिस थानों और होटलों पर हमले किये गये। हद तो तब हो गई जब नेपाल की धार्मिकता की पहचान पशुपतिनाथ भगवान के मंदिर पर हमला करने की कोशिश की गई। हालांकि ये हमला सेना द्वारा नाकाम कर दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हिंसा में अब तक आधिकारिक तौर पर 24 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं।

सेना ने संभाली सुरक्षा

प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बाद भी जब हिंसा नहीं थमी, तब नेपाली सेना ने मंगलवार, 9 सितंबर 2025 की रात 10 बजे से पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथ में ले ली। सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि सेना शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हिंसा और अराजकता जारी रही तो सेना मजबूर होकर सख्त कदम उठाएगी।

पशुपतिनाथ मंदिर पर हमला नाकाम

हिंसा के दौरान असामाजिक तत्वों ने नेपाल की धरोहर और ऐतिहासिक महत्व वाले पशुपतिनाथ मंदिर को भी निशाना बनाने की कोशिश की। राजधानी काठमांडू से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर बागमती नदी के तट पर स्थित हिन्दुओं के इस अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक मंदिर पर हमला नेपाल, भारत और हिन्दुओं से नफरत को दर्शाता है। यद्यपि उपद्रवी अधिक कुछ नहीं कर सके, मंदिर के परिसर पर पहुंची इस भीड़ की सूचना सेना को पहले ही मिल चुकी थी। इसलिये ये जब ये उपद्रवी गेट पर तोड़फोड़ करके भीतर घुसने की कोशिश कर रहे थे तभी सेना ने अपनी सख्ती दिखा कर इस साजिश को नाकाम कर दिया।

भारत और संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया

नेपाल की बिगड़ती स्थिति पर भारत और संयुक्त राष्ट्र ने गहरी चिंता जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि नेपाल में हिंसा से कई युवाओं की मौत हृदयविदारक है और यह स्थिति बेहद पीड़ादायक है। उन्होंने कहा कि नेपाल की शांति, स्थिरता और समृद्धि भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है, इसलिए वे सभी नेपाली नागरिकों से संयम और शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी हिंसा पर दुख व्यक्त किया और कहा कि वे नेपाल की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से मानवाधिकारों का सम्मान करने और हिंसा को रोकने के लिए धैर्य और संयम बरतने की अपील की। साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया कि विरोध शांतिपूर्ण ढंग से हो, जिसमें जीवन और संपत्ति का सम्मान बना रहे।

छात्रों से शुरू हुआ आंदोलन

ध्यान देने योग्य तथ्य यह भी है कि यह आंदोलन ‘स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस’ नामक छात्र संगठन ने शुरू किया था। शुरुआत में यह भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ था, लेकिन बाद में इसमें व्यापक जनसमर्थन जुड़ गया। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास और कई राजनेताओं के घरों में आगजनी की।

(प्रस्तुति -त्रिपाठी पारिजात)

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