Tuesday, October 21, 2025
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Israel में भी है बजरंग दल – जानिये किस नाम से है वहाँ

Israel: लव जिहाद की शिकार लड़की को जब एहसास होता है कि वह फंस चुकी है और उसका यह फैसला गलत था तो भारतीय महिलाओं की तरह लाज शर्म की वजह से वह चुप नहीं रहती बल्कि *लेहवा* को छुपकर कॉल करती है..

Israel: लव जिहाद की शिकार लड़की को जब एहसास होता है कि वह फंस चुकी है और उसका यह फैसला गलत था तो भारतीय महिलाओं की तरह लाज शर्म की वजह से वह चुप नहीं रहती बल्कि *लेहवा* को छुपकर कॉल करती है..
जैसे अपने यहां बजरंग दल है, विहिप है वैसे ही इजराइल में एक संगठन है *”लेहवा”* (Lehava).
2005 में खास तौर पर *लव जिहाद* के विरोध में बना था। ये लोग *इजराइल* के अंदर हरेक स्कूल कॉलेज के आसपास बहुत तीखी नजर रखते हैं कि कोई अरबी लड़का किसी यहूदी लड़कीं के चक्कर मे तो नहीं घूम रहा।
*लेहवा* के पास सबकुछ है। कमांडो तक हैं। बुलेटप्रूफ गाड़ियां तक है। और आपको पता है कि हथियार तो सामान्य नागरिक को भी रखना allow है तो वह भी मोजूद है। इनलोगों का *हेल्पलाइन नम्बर* भी सभी के पास रहता है।
अगर इस संगठन के लोगों को पता चल गया कि किसी *यहूदी लड़की* का किसी *अरबी लड़के* के साथ अफेयर है तो यह लोग उसके घर पर जाते हैं और बात करते हैं कि यह अच्छी बात नहीं है आप जल्दी किनारे हो जाइए वरना अंजाम भुगतना होगा। लड़कीं के घर भी जाकर समझाया जाता है।
इसके बाद भी बदकिस्मती से कुछ लड़कियों ने अगर शादी कर ली और मुस्लिम पति के घर पर चली गई जहां पर उसको एहसास होता है कि वह फस चुकी है और उसका यह फैसला गलत था तो भारतीय महिलाओं की तरह लाज शर्म की वजह से वह चुप नहीं रहती बल्कि *लेहवा* को छुपकर कॉल करती है और अपना लोकेशन बताती है क्योंकि एक बार अगर फिलिस्तीन के इलाके में पहुंचा दी गयी है तो वहां से लाने का मतलब है बॉर्डर पर युद्ध।
अगर वह भागकर खुद निकल सकती है तो इसमे भी संगठन के लोग पूरी मदद करते हैं। अगर बिना किसी मदद के भी आ सकती है तो इसके बाद बिना उसको ताना मारे, नीचा दिखाए.. पूरे सम्मान से यहूदी समाज के अंदर बसाया जाता है। उसके रोजगार आदि का या उसके बच्चों का ख्याल रखा जाता है। यहां तक कि उसको मनोचिकित्सक उपलब्ध करवाया जाता है।
यहां ध्यान देने योग्य बात है कि इजराइल में बच्चे की पहचान *बाप* से नहीं बल्कि *माँ* के नाम से होती है जैसे हमारे यहां महाभारत काल में था *गांधारी नंदन*, *कुंती पुत्र*, *राधेय* ( कर्ण ) आदि।
अब अगर वह वापिस आने में असफल है किसी मुस्लिम इलाके में फंसी है तो लेहवा संगठन पूरी तरह से सैन्य ऑपेरशन करेगा । इनके लोग जिसमे सैनिक, कमांडो आदि होते हैं। इसमे बॉर्डर पर मौजूद सैनिकों का समर्थन रहता है बल्कि फुल प्रोटेक्शन देते हुए युद्ध वाली स्थिति में लड़ाई होने पर सैन्य सहायता देते हैं। पिछले साल ऐसे ही एक लड़की को निकालने में बॉर्डर पर कई घंटों तक गोलीबारी चलती रही थी।
ये लोग चार पांच गाड़ियों में जाते हैं। कई बार फिलिस्तीन सुरक्षाकर्मियों के तरफ से गोली बारी भी होती है उन सबसे निबट कर अपनी यहूदी महिला को छुड़ा कर लाते हैं।
लेहवा को सरकार के तरफ से भर-भर के फंडिंग होती थी लेकिन बाद में बाहरी देशों के विरोध के बाद इसे ऊपरी तौर पर *एक्सट्रेमिस्ट संगठन* की सूची में डाल दिया गया लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से सरकार फंडिंग देती है और समर्थन भी करती है ।
(इसके संस्थापक *BenziGopstein* हैं जो इस्राएल के लिए वैसे ही हैं जैसे बर्मा के विराथु)
अब आप तुलनात्मक चिंतन कर लीजिए अपने राष्ट्रीय संगठनों का और यहूदी अथवा इस्लामी राष्ट्रीय संगठनों का आप स्वयं को कहां पाते हैं
(अज्ञात वीर)
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