Parakh Saxena writes: हमारे आउल बाबा ने जिस तरह का माहौल देश मे बनाया, कही ना कही केशव भवन भी सजग हो गया और उसे मोदीजी की अप्रूवल रेटिंग पसंद आ गयी..
आज मोदीजी भी 75 के हुए, मध्यप्रदेश के दौरे पर है और इसलिए ऐसी कोई खबर नहीं है कि उनका काफ़िला राष्ट्रपति भवन की ओर जाते देखा गया हो। स्पष्ट है कि वे प्रधानमंत्री बने रहेंगे हालांकि इसके लिये राहुल गाँधी को धन्यवाद बनता है।
मोदीजी को सिर्फ मोहन भागवत हटा सकते थे, कई बार तो मूड मे भी लगे। लेकिन हमारे आउल बाबा ने जिस तरह का माहौल देश मे बनाया, कहीं न कहीं केशव भवन भी सजग हो गया और उसे मोदीजी की अप्रूवल रेटिंग पसंद आ गयी।
मोहन भागवत जी का कोटि-कोटि धन्यवाद कि उन्होंने स्थिति का सही मूल्यांकन करते हुए दिल्ली का सिंहासन नहीं छेड़ा बाकि पाड़े का तो हम पिछले 11 वर्षो से धन्यवाद कर ही रहे है।
मोदीजी के इन 24 वर्षो को इतिहास अलग अलग आयाम मे ही पढ़ेगा। ये एक इकट्ठा संकलन नहीं है, इसमें कई जगह आपको कमियाँ भी दिखेगी मगर जहाँ खूबियां है वहाँ समयचक्र बदल जाता है।
मुझे व्यक्तिगत रूप से इनका गरीब वाला कार्ड पसंद नहीं है, बचपन मे शायद गरीबी रही हो मगर वर्तमान मे मोदी परिवार कई दशकों से सम्पन्न है। मोदीजी के सभी भाई योग्य है और सम्मानजनक पदों पर रहे है।
दुख होता है ज़ब लालू के बच्चों की शादी मे नजर आते है मगर अपने भतीजे भतीजी की नहीं, जशोदाबेन को लेकर भी मोदीजी से शिकायते रहेगी उनका निवास स्थान भी दिल्ली का 7, लोककल्याण मार्ग ही होना चाहिए ।
ये भी शिकायत है कि उन्होंने अपने लिये एक घर भी नहीं बनवाया, मोदीजी की कुल सम्पत्ति मे सिर्फ 3 करोड़ की FD है। अगले प्रधानमंत्री से यह अपेक्षा तो रहेगी कि मोदीजी को जबरदस्ती दिल्ली और गांधीनगर मे आलिशान बंगला गिफ्ट करें।
निजी जीवन से ऊपर देखे तो अजमेर मे भेजी जाने वाली चादर से शिकायत है, कई बार ऐसे निर्णय लेते है ज़ब हम अंधभक्त घोषित हो जाते है मगर ज़ब सुखद दूरगामी परिणाम आते है तो ये शिकायत सहसा दूर हो जाती है।
लेकिन इन शिकायतो से बहुत ऊपर हमारा अंधा समर्थन है, फैसले भले ही गलत हो जाए नियत पर एक कोड़ी का संदेह नहीं। लगभग 25 देशो का नागरिक सम्मान पाना, 11 वर्षो के बाद भी अप्रूवल रेटिंग को 75% खींचे रखना।
सबसे जरूरी कि नैतिकता किनारे रखकर सोनिया गाँधी से उसी की भाषा मे निपटना, जिन लोगो ने 1 वोट के लिये हमारे वाजपेयी जी को रुलाया था वे आज खून के आंसू रो रहे है तो ये दृश्य एक अलग ही सुकून देता है।
देश की अर्थव्यवस्था आज जितनी मजबूत कभी नहीं रही, भारत की जीडीपी तक़रीबन तीन गुना बढ़ी है। सबसे ज्यादा जॉब्स मोदी युग मे बने है, भारतीय विज्ञान ने सबसे ज्यादा प्रगति मोदी काल मे की है।
अनपढ़ से अनपढ़ व्यक्ति का भी बैंक अकाउंट है और वो UPI चला पा रहा है। सबसे ज्यादा आर्थिक और राजनीतिक सुधार भी इसी समय हुए है। चुनाव परिणाम छोड़िये आप तो ये सोचिये कि आज बीजेपी 442 तो कांग्रेस 322 सीटों पर ही चुनाव लड़ पाती है।
जबकि 11 वर्ष पहले बीजेपी का अस्तित्व कुछ राज्यों तक सीमित था। बीजेपी राजनीतिक अछूत से राजनीतिक आकर्षण का केंद्र बनी तो वो नरेंद्र मोदी की लीडरशीप थी। सबसे ज्यादा विदेशी निवेश भारत को मिला।
स्विस बैंक का पैसा आज स्टॉक मार्केट को संवार रहा है, स्विस बैंक भी छोड़िये कई देशो के पेंशन फंड्स भी भारत ही होल्ड करता है।
लोगो की शिकायते तो बनी रहेगी साधारणतः ऐसी शिकायते नेता के जाने के बाद दूर होती है। इसलिए बेहतर है शिकायतो से ही बचे, ये आजाद भारत का स्वर्णिम युग ही है।
एक बार पुनः मोदीजी को बधाई और संघ को मोदी है तो सेफ है वाली स्थिति समझने के लिये धन्यवाद।
(परख सक्सेना)