Ramayan: रोल रोल में लिखा होता है अदाकार का नाम..पहली और महान रामायण जो रामानंद सागर ने बनाई थी उसमें वो चाहते थे कि रावण का अभिनय अमरीश पुरी करें..
जब अमरीश पुरी साहब ने रामानंद सागर की टीवी सीरीज़ रामायण में रावण का किरदार निभाने से इनकार कर दिया, उसके कुछ ही दिनों बाद अरविंद त्रिवेदी ने रामानंद सागर के ऑफिस में ऑडिशन देने का निर्णय लिया। मानन्द सागर ने उन्हें स्क्रिप्ट पढ़ने के लिए दी। अरविंद ने उसमें मौजूद संवादों को धैर्य से पढ़ना शुरू किया — उनका टोन, उनका भाव-भंगिमा, सब कुछ शांत लेकिन प्रभावशाली था।
जब वो स्क्रिप्ट खत्म हुई, तो ऑडिशन रूम में एक गहरा सन्नाटा छा गया। अरविंद को लगा कि शायद रामानंद सागर को उनका ऑडिशन पसंद नहीं आया होगा। उन्होंने स्क्रिप्ट तुरंत असिस्टेंट को सौंप दी और वापस जाने की तैयारी की।
लेकिन यहीं रामानंद सागर ने अपने केबिन से उठकर बाहर आकर कहा, “मुझे लंकेश मिल गया है।” यह सुनते ही अरविंद को झटका लगा — वह अंदाज़ा नहीं लगा रहे थे कि वही व्यक्ति होंगे जो रावण की भूमिका निभाएँगे। रामानंद सागर ने मुस्कुराते हुए कहा कि अरविंद की बॉडी लैंग्वेज, उनकी आवाज़ का स्वर और उनकी उपस्थिति—सब कुछ रावण की भूमिका के लिए एकदम उपयुक्त था। उन्होंने आगे कहा, “मैं ऐसे एक्टर की तलाश कर रहा था जो न सिर्फ बुद्धिमान दिखे बल्कि बलवान भी महसूस हो, और तुम्हारे अंदर ये सभी खूबियाँ हैं।”
इस तरह, अरविंद त्रिवेदी को रामायण में रावण की भूमिका मिली। इस निर्णय के बाद उनका किरदार दर्शकों के दिलों में बस गया, और अरविंद त्रिवेदी उस शो का एक ऐसा चेहरा बन गए जिसकी पहचान रावण से हुई।
(प्रस्तुति -अंजू डोकानिया)