राष्ट्र के लिए समर्पित माँ भारती के बच्चे इस प्रार्थना का प्रतिदिन गायन करते हैं. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रातःकालीन शाखा में इसका गायन होता है. यह प्रार्थना देशभक्ति का सर्वोत्तम गीत है जो माँ भारती को समर्पित है.
देश में राष्ट्र को समर्पित माँ भारती के एक करोड़ बच्चों का गीत है ये. राष्ट्रीवय स्वयं सेवक संघ के एक करोड़ कार्यकर्ता प्रतिदिन प्रातःकाल संघ की शाखाओं में इसका गायन कर वातावरण में राष्ट्रप्रेम की सुरभि का संचार करते हैं.
संघ की यह परम पावन प्रार्थना को सर्वप्रथम 23 अप्रेल 1940 को संघ की पूना की शाखा में गाया गया था. श्री यादव राव जोशी ने इसकी धुन बनाई है.
(प्रार्थना)
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे
त्वया हिन्दुभूमे सुखवं वर्धितोऽहम्।
महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे
पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते॥१॥
प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्राङ्गभूता
इमे सादरं त्वां नमामो वयम्
त्वदीयाय कार्याय बद्धा कटीयम्
शुभामाशिषं देहि तत्पूर्तये।
अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिम्
सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत्
श्रुतं चैव यत्कण्टकाकीर्णमार्गम्
स्वयं स्वीकृतं नः सुगंकारयेत्॥२॥
समुत्कर्ष निःश्रेयसस्यैकमुग्रम्
परं साधनं नाम वीरव्रतम्
तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा
हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्राऽनिशम्।
विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्
विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्
परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रम्
समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम्॥३॥
॥भारत माता की जय॥