Asia Cup 2025- India Vs Pakistan: क्या पानी और खून साथ बह सकता है ? क्या खून और खेल साथ चल सकता है ? और क्या क्रिकेट और किलिंग साथ-साथ आगे बढ़ सकती है?
दुनिया के सबसे अधिक क्रिकेट-प्रेमियों के देश भारत के लोग पहलगाम हिन्दू हत्याकांड के बाद पाकिस्तान के साथ मैच को सिर्फ खेल की नजर से नहीं देख रहे हैं -अब ये उनके लिये एक नैतिक फैसला बन गया है, जो राष्ट्रभक्ति की भावना से गहरा जुड़ा हुआ है.
एशिया कप में भारत-पाकिस्तान का मुकाबला कल रात 8 बजे दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में होना तय है। लेकिन यह मैच पूरे देश में बहस का मुद्दा बन गया है, क्योंकि यह आयोजन उस पहलगाम आतंकी हमले के महज़ पाँच महीने बाद हो रहा है जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। विपक्षी दलों, पूर्व सैनिकों, मशहूर हस्तियों और पीड़ित परिवारों ने मैच के समय पर सवाल उठाते हुए इसे “अनुचित” बताया है और बहिष्कार की मांग की है।
ऑपरेशन सिंदूर भले ही महीनों पहले खत्म हो गया हो, लेकिन उसके जख्म अभी भी ताज़ा हैं। बहुत से लोगों के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत को चीयर करना उस नरसंहार और चार दिन तक चले संघर्ष को भुला देने जैसा लगता है। सोशल मीडिया पर भी यह गुस्सा खुलकर दिख रहा है, जहाँ #BoycottIndvsPak जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी (AAP) नेताओं ने अपने दफ्तर के बाहर प्रतीकात्मक विरोध किया और पाकिस्तान का पुतला फूंका। पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने क्लबों और रेस्तरां से अपील की कि वे इस मैच का सीधा प्रसारण न करें। उन्होंने कहा, “भारत सरकार हमारे खिलाड़ियों को उन घिनौने लोगों से खेलने पर मजबूर कर रही है जिन्होंने हमारी बहनों का सिंदूर मिटा दिया। हम दिल्ली के सभी क्लबों और रेस्तरां को बेनकाब करेंगे जो भारत-पाकिस्तान का मैच दिखाएंगे।”
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि “खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते” (सिंधु जल संधि को लेकर)। ठाकरे ने सवाल उठाया, “जब युद्ध और आतंकवाद जारी है तो क्रिकेट कैसे खेला जा सकता है? उन्होंने देशभक्ति को भी व्यापार बना दिया है। इन्हें सिर्फ पैसा चाहिए।”
इस बीच, पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा ने भी टीम इंडिया को कड़ी चेतावनी दी है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारत की भागीदारी का बचाव किया। उन्होंने कहा, “जब एसीसी या आईसीसी जैसे बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट होते हैं तो उसमें खेलना हमारी मजबूरी होती है। अगर भारत बाहर हो जाता है तो पाकिस्तान को अंक मिल जाते हैं। हम पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलते, यह हमारी पुरानी नीति है।” जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि बहु-टीम टूर्नामेंट में खेलना पहले कभी समस्या नहीं रहा है, बशर्ते यह द्विपक्षीय न हो।
अभिनेता सतीश शाह ने अपील की, “मैं हर देशभक्त भारतीय से निवेदन करता हूँ कि भारत-पाकिस्तान मैच का बहिष्कार करें। टीवी बंद कर दीजिए।” सेवानिवृत्त मेजर मनीक एम. जोली ने इसे “खाली स्टेडियम” वाला मैच बताया। शौर्य चक्र विजेता मेजर पवन कुमार (रिटायर्ड) ने मीडिया से गुज़ारिश की कि वे इस मैच की कवरेज से बचें। उन्होंने एक्स पर लिखा, “कोई ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं, कोई स्कोर अपडेट नहीं, कोई टिकर नहीं। हम जानते हैं कि आप मैच का प्रसारण पूरी तरह नहीं रोक सकते, लेकिन चुपचाप इसे नज़रअंदाज़ ज़रूर कर सकते हैं। उम्मीद है आप 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करेंगे।”
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने कहा, “पूरा भारत, सभी 140 करोड़ भारतीय चाहते हैं कि पाकिस्तान से कोई संबंध न रखा जाए और क्रिकेट भी न खेला जाए। सरकार ने हमें बताया है कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ, बस रुका हुआ है। ऐसे में हम कैसे पाकिस्तान से क्रिकेट खेल सकते हैं?”
लेखक करण वर्मा ने भी यही रुख अपनाया, “मैं @tehseen से सहमत हूँ। पाकिस्तान से क्रिकेट किसी भी हाल में मंज़ूर नहीं है! मैं अब भी सरकार, बीसीसीआई और खिलाड़ियों से अपील करता हूँ कि इस मैच का बहिष्कार करें। अभी भी समय है। वरना यह सरकार और बीसीसीआई के लिए शर्म का पल बन जाएगा। #NoCricketWithTerror”
जब जुलाई में इस मैच का ऐलान हुआ था तभी कई राजनीतिक नेताओं ने विरोध जताया था। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, “मेरा ज़मीर मुझे यह मैच देखने की इजाज़त नहीं देता। जब हमने पाकिस्तान के साथ व्यापार रोक दिया, पानी रोका, उड़ानें बंद कर दीं, तो फिर क्रिकेट कैसे खेल सकते हैं?”
स्पॉन्सर्स ने भी प्रतिक्रिया दी है। EaseMyTrip ने अपना समर्थन वापस लेते हुए कहा, “हम भारत के साथ खड़े हैं। हम किसी ऐसे आयोजन का समर्थन नहीं कर सकते जो आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश के साथ रिश्तों को सामान्य करने की कोशिश करता हो। खेल से बड़ी भी कुछ चीज़ें होती हैं।”
टिकट बिक्री भी धीमी रही है और प्रीमियम सीटें अभी तक नहीं बिकी हैं, जो जनता की नाराज़गी को दर्शाता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मैच रद्द किया गया तो भारत की 2036 ओलंपिक की मेजबानी पर असर पड़ सकता है, क्योंकि इसके लिए भारत को अंतरराष्ट्रीय आयोजन सफलतापूर्वक कराने की क्षमता दिखानी होगी।
इस बीच, दिग्गज कपिल देव ने खिलाड़ियों से खेल पर ध्यान देने की अपील की, “उन्हें सिर्फ अपना काम करना चाहिए।” लेकिन बहुत से भारतीयों के लिए अब यह मैच सिर्फ खेल नहीं रह गया है, बल्कि एक नैतिक फैसला बन गया है, जो राष्ट्रीय भावनाओं से गहराई से जुड़ा हुआ है।
(प्रस्तुति -त्रिपाठी इन्द्रनील)