Cinema: एक वक्त था जब हिन्दी सिनेमा की सभी टॉप की हीरोइन्स देवानंद के साथ काम करना चाहती थीं..उन्हीं में एक थी नंदा..जिन्होंने अपने दिल की बात साफ-साफ कह दी देवानंद को..
“मैं आपकी हीरोइन बनने के ख्वाब देख रही हूं। और आप मुझे अपनी बहन बनाना चाहते हैं। मैं आपकी इस फ़िल्म में काम नहीं करने वाली।” नंदा जी ने देव साहब से ये बात तब कही थी जब देव साहब ने उन्हें अपनी फ़िल्म काला बाज़ार में अपनी बहन का रोल ऑफ़र किया था। दरअसल, उस दौर में देव साहब की हीरोइन बनने का ख्वाब अधिकतर हीरोइनें देखा करती थी।
नंदा जी भी देव साहब की हीरोइन बनना चाहती थी। मगर जब देव साहब ने उन्हें काला बाज़ार फ़िल्म में अपनी बहन का किरदार निभाने को कहा तो नंदा जी ने मना कर दिया। तब देव साहब ने नंदा जी से वादा किया कि इस फ़िल्म में मेरी बहन बन जाओ। अगली फ़िल्म में मैं तुम्हें अपनी हीरोइन ज़रूर बनाऊंगा।
देव साहब ने भरोसा दिया तो नंदा जी काला बाज़ार फ़िल्म में काम करने को तैयार तो हो गई। मगर उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था। नंदा जी को लग रहा था कि जैसे फ़िल्म इंडस्ट्री में कई लोग हैं जो वादे तो बड़े-बड़े करते हैं लेकिन कभी अपने वादे पूरा नहीं करते, देव साहब भी वैसे ही ना निकल जाएं।
लेकिन देव साहब ठहरे ज़ुबान के पक्के इंसान। उन्होंने नंदा जी से जो वादा किया था वो पूरा भी किया। जब देव साहब ने हम दोनों फ़िल्म पर काम शुरू किया तो उसमें नंदा जी को अपनी हीरोइन लिया। हम दोनों में देव साहब का डबल रोल था। एक देव आनंद की हीरोइन साधना जी थी। और दूसरे देव आनंद की हीरोइन नंदा जी थी।
हम दोनों फ़िल्म ज़बरदस्त हिट भी रही थी। 1965 की तीन देवियां फ़िल्म में भी नंदा जी देव साहब के अपोज़िट नज़र आई थी। #devanand #nanda