Cinema:Happy Birthday, Mukesh Rishi !! शुभ जन्मदिवस आपको !!
मुकेश ऋषि जी ने एक बार कहा था कि सरफ़रोश पहली फिल्म थी जिसके बाद फिल्म इंडस्ट्री के कई लोगों को यकीन हो गया कि वे एक्टिंग भी कर सकते हैं। इससे पहले लोग सोचते थे कि यह एक्टर सिर्फ बिना डायलॉग वाले खलनायक का रोल ही कर सकता है। लेकिन सरफ़रोश ने एक अभिनेता के तौर पर मुकेश ऋषि जी को स्थापित करने में मदद की।
आज मुकेश ऋषि जी का जन्मदिन है, भाइयों और बहनों! 19 अप्रैल, 1956 को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में उनका जन्म हुआ था। चलिए, उनके बारे में कुछ और जानते हैं।
मुकेश जी के साथ एक अच्छी बात यह रही कि उन्हें मुंबई में दूसरे लोगों जितना संघर्ष नहीं करना पड़ा। हालांकि उनका भी कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं था, लेकिन उन्हें कुदरत ने एक शानदार व्यक्तित्व दिया था। जो भी उनसे एक बार मिलता, वह दोबारा मिलना चाहता। मुकेश ऋषि जी ने रोशन तनेजा के एक्टिंग स्कूल से अभिनय की ट्रेनिंग ली थी।
जैसे ही उनका एक्टिंग कोर्स पूरा हुआ, मशहूर अभिनेता और फिल्मकार संजय खान ने उन्हें अपने प्रसिद्ध शो टीपू सुल्तान में एक महत्वपूर्ण किरदार “मीर सादिक” के रूप में साइन कर लिया। इस तरह, मुकेश ऋषि जी के करियर की शुरुआत टीवी से हुई।
एक इंटरव्यू में मुकेश ऋषि जी ने बताया था कि सरफ़रोश की शूटिंग के दौरान उन्हें बहुत मज़ा आया, लेकिन इंस्पेक्टर सलीम खान के नमाज़ वाले सीन्स फिल्माते समय उन्हें थोड़ी दिक्कत हुई, क्योंकि उन्हें नमाज़ पढ़ने का तरीका नहीं पता था। फिर उन्होंने किसी जानकार से नमाज़ के बारे में सीखा और उसकी मुद्राओं का अभ्यास किया।
सरफ़रोश रिलीज़ होने के बाद मुकेश ऋषि अपने गृहनगर जम्मू में बहुत मशहूर हो गए। एक बार जब वे जम्मू गए, तो लोगों ने उन्हें पहचान लिया और ऑटोग्राफ के लिए भीड़ लग गई। तब कई लोगों ने उनसे कहा कि अगर कश्मीर से आतंकवाद खत्म करना है, तो वहाँ की पुलिस में अजय राठौड़ और सलीम खान जैसे अफसरों को लाना चाहिए।
आमतौर पर जब कोई एक्टर मशहूर हो जाता है, तो वह कई शिफ्टों में काम करता है ताकि ज्यादा से ज्यादा फिल्मों में काम करके पैसा कमा सके। लेकिन मुकेश ऋषि जी ऐसा नहीं करते। वे ज्यादातर एक ही शिफ्ट में काम करते हैं। कभी-कभी किसी डायरेक्टर या प्रोड्यूसर के बहुत जोर देने पर ही दूसरी शिफ्ट लेते हैं। साथ ही, वे हमेशा समय पर शूटिंग पर पहुँचते हैं, कभी लेट नहीं होते। ऐसा इसलिए क्योंकि वे समय पर काम खत्म करके घर लौट जाना पसंद करते हैं—उन्हें अपने परिवार के साथ वक्त बिताना अच्छा लगता है।
(अर्चना शेरी)