दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) से करारी हार का सामना करना पड़ा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज सहित पार्टी के कई प्रमुख नेता चुनाव हार गए हैं।
इस हार के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- सत्ताविरोधी लहर (एंटी-इन्कंबेंसी): लगातार 10 वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद, सरकार के प्रति असंतोष बढ़ा, जिससे जनता ने बदलाव का मन बनाया।
- भ्रष्टाचार के आरोप: केजरीवाल सरकार के कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे, जिसके परिणामस्वरूप उनकी गिरफ्तारी भी हुई। इससे पार्टी की ईमानदार छवि को नुकसान पहुंचा।
- मुफ्त योजनाओं का प्रभाव कम होना: मुफ्त बिजली, पानी जैसी योजनाओं का आकर्षण समय के साथ कम हो गया, और जनता ने इनसे आगे की अपेक्षाएं कीं।
- विपक्ष की मुफ्त योजनाओं की होड़: BJP ने भी मुफ्त सुविधाओं का वादा किया, जिससे AAP की मुफ्त योजनाओं का प्रभाव कम हो गया।
- केंद्रीय बजट का प्रभाव: चुनाव से पहले प्रस्तुत केंद्रीय बजट में मध्यम वर्ग को कर राहत दी गई, जिससे BJP को समर्थन मिला।
- गैर-जिम्मेदाराना बयान: केजरीवाल के कुछ बयानों को गैर-जिम्मेदाराना माना गया, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा।
- गठबंधन की कमी: AAP ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया, जिससे विपक्षी वोटों का विभाजन हुआ और BJP को लाभ मिला।
चुनाव परिणामों के बाद, अरविंद केजरीवाल ने जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करते हुए BJP को उसकी जीत के लिए बधाई दी और उम्मीद जताई कि नई सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरी उतरेगी।
इस प्रकार, विभिन्न कारकों के संयोजन ने AAP की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।