Dharmendra: शर्मिला टैगोर ने साझा की धर्मेंद्र से जुड़ी अनसुनी यादें, सादगी, दोस्ती और फिल्मों के सुनहरे दौर की भावुक कहानी..
शर्मिला टैगोर ने अभिनेता धर्मेंद्र को याद करते हुए अपने फिल्मी सफर की कई खूबसूरत और भावनात्मक यादें साझा कीं। उन्होंने बताया कि वे दोनों पहली बार फिल्म ‘देवर’ में साथ काम करते थे। इसके बाद वे ‘अनुपमा’ में भी साथ नजर आए। शर्मिला टैगोर के अनुसार, ये दोनों फिल्में गंभीर विषयों पर आधारित थीं। बाद में उन्होंने ‘मेरे हमदम मेरे दोस्त’ में साथ काम किया, जो उनके लिए एक अलग और खास अनुभव रहा।
शर्मिला टैगोर ने कहा कि धर्मेंद्र के साथ शूटिंग करना हमेशा सुखद होता था। कैमरे के सामने वे जितने सहज और सामान्य दिखाई देते थे, कैमरे के पीछे भी उतने ही सरल रहते थे। वे कभी यह जताने की कोशिश नहीं करते थे कि वे इतने बड़े सितारे हैं। उनका जीवन बेहद सादा और जमीन से जुड़ा हुआ था, और यही बात उन्हें सबसे अलग बनाती थी।
शर्मिला टैगोर ने उस दिन को भी याद किया जब उनकी धर्मेंद्र से पहली मुलाकात हुई थी। उन्होंने बताया कि उस समय वे यश चोपड़ा की फिल्म ‘वक्त’ की शूटिंग कर रही थीं। उसी दिन धर्मेंद्र भी वहां मौजूद थे। उन्हें आज तक यह नहीं पता कि धर्मेंद्र उस दिन शूटिंग स्थल पर क्यों आए थे, लेकिन उनके पहनावे और अंदाज़ से बिल्कुल नहीं लगता था कि वे किसी बड़े फिल्म स्टार हों। वे एक आम इंसान की तरह कपड़े पहनकर आए थे। इसी दौरान किसी ने धर्मेंद्र की तारीफ कर दी, तो उन्होंने उस व्यक्ति को प्यार से गले लगा लिया। शर्मिला टैगोर के अनुसार, धर्मेंद्र की यह सच्चाई और इंसानियत हमेशा उनके साथ रही।
शर्मिला टैगोर को इस बात का अफसोस भी है कि वे फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ में धर्मेंद्र के साथ काम नहीं कर पाईं। उन्होंने बताया कि उस समय उनकी तबीयत खराब थी, जिस वजह से वे यह फिल्म नहीं कर सकीं। धर्मेंद्र और शर्मिला टैगोर ने आखिरी बार साथ काम किया था साल 1984 में आई फिल्म ‘सनी’ में। इस फिल्म में धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल मुख्य भूमिका में थे। अपने बेटे की फिल्म होने के कारण धर्मेंद्र ने इसमें एक छोटा लेकिन अहम किरदार निभाया था। फिल्म में धर्मेंद्र सनी देओल के पिता बने थे, जबकि शर्मिला टैगोर उनकी प्रेमिका की भूमिका में नजर आई थीं।
शर्मिला टैगोर ने एक और दिलचस्प घटना साझा की। उन्होंने बताया कि एक महिला निर्देशक ने उनके जीवन पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई थी। उस निर्देशक की इच्छा थी कि शर्मिला टैगोर से जुड़े कुछ सवाल धर्मेंद्र से पूछे जाएं। इसके लिए निर्देशक ने शर्मिला टैगोर से ही सिफारिश करवाने को कहा। शर्मिला टैगोर के कहने पर धर्मेंद्र ने तुरंत हामी भर दी और उस डॉक्यूमेंट्री के लिए खुशी-खुशी अपने विचार रखे। शर्मिला टैगोर बताती हैं कि धर्मेंद्र ने उनके बारे में बहुत ही सुंदर और सच्ची बातें कही थीं। आज उन्हें यह मलाल रहता है कि फिल्मों से दूरी बनाने के बाद वे धर्मेंद्र से ज्यादा बातचीत नहीं कर सकीं, काश ऐसा हो पाता।
शर्मिला टैगोर ने यह भी बताया कि जब भी वे किसी सार्वजनिक कार्यक्रम या मुलाकात में जाती थीं, वहां मौजूद लोग अक्सर फिल्म ‘चुपके चुपके’ का जिक्र जरूर करते थे। बहुत से दर्शक उस फिल्म को अपनी पसंदीदा फिल्मों में गिनते थे और बताते थे कि उन्होंने इसे कई-कई बार देखा है। खुद शर्मिला टैगोर ने भी बीमारी के दिनों में यह फिल्म बार-बार देखी थी। उन्होंने कहा कि फिल्म देखते समय उन्हें बहुत हंसी आती थी। शर्मिला टैगोर का मानना है कि आज के दौर में फिल्म इंडस्ट्री में वैसी सच्ची और दिल से बनाई गई कॉमेडी फिल्में बहुत कम बन रही हैं।
धर्मेंद्र और शर्मिला टैगोर ने कई फिल्मों में साथ काम किया और दर्शकों को उनकी जोड़ी बहुत पसंद आई। दोनों की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री हमेशा खास रही। एक खूबसूरत इत्तेफाक यह भी है कि धर्मेंद्र और शर्मिला टैगोर दोनों का जन्मदिन एक ही तारीख को आता है। आज जहां धर्मेंद्र अपना 90वां जन्मदिन मना रहे हैं, वहीं शर्मिला टैगोर भी आज 81 वर्ष की हो गई हैं।
हम धर्मेंद्र को पूरे सम्मान और आदर के साथ याद करते हैं और उन्हें नमन करते हैं। साथ ही ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि शर्मिला टैगोर सदैव स्वस्थ और प्रसन्न रहें। शर्मिला टैगोर को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं।
(प्रस्तुति -अर्चना शैरी)



