Flight Lieutenant Aman Singh Hans को मिला पुरस्कार उनकी त्वरित सूझबूझ और निस्वार्थ सेवा को दर्शाता है, जो कि एक सच्चे योद्धा की पहचान है..
भारतीय वायुसेना के फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस को ‘शौर्य चक्र’ से सम्मानित किया गया है, जो कि भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों में से एक है। यह सम्मान उन्हें उनके अद्वितीय साहस और वीरता के लिए प्रदान किया गया है, जिसे शब्दों से नहीं, बल्कि उनके अद्भुत कार्यों से महसूस किया जा सकता है। यह पुरस्कार उन असाधारण परिस्थितियों में उनकी त्वरित सूझबूझ और निस्वार्थ सेवा को दर्शाता है, जो कि एक सच्चे योद्धा की पहचान होती है।
15 जून 2019 को अमन सिंह को भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में फाइटर पायलट के रूप में कमीशन किया गया था और 7 सितंबर 2020 से वे MiG-29 स्क्वाड्रन में कार्यरत हैं। उनकी वीरता की कहानी मार्च 2024 की एक रात से शुरू होती है, जब वे 28,000 फीट की ऊंचाई पर अपने लड़ाकू विमान को उड़ा रहे थे।
तभी अचानक कॉकपिट में एक जबर्दस्त विस्फोट हुआ, जिससे उनकी आंखों की रोशनी कुछ समय के लिए चली गई और विमान की छतरी उड़ गई। उस समय बाहर का तापमान -35 से -40 डिग्री सेल्सियस के बीच था, और वे हाइपोक्सिया (ऑक्सीजन की कमी) और डीकंप्रेशन जैसी जानलेवा स्थितियों का सामना कर रहे थे।
इस संकट की घड़ी में भी अमन सिंह ने अद्भुत संयम दिखाया और विमान पर दोबारा नियंत्रण प्राप्त कर लिया। उन्होंने ज़मीन पर मौजूद एयर ट्रैफिक कंट्रोल को स्थिति की स्पष्ट जानकारी दी और सबसे निकटवर्ती एयरबेस पर विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई। उनकी इस सूझबूझ और साहसिक फैसले ने न केवल विमान को बचाया, बल्कि देश को एक बड़े नुकसान से भी सुरक्षित रखा। यदि उस पल उन्होंने कोई चूक की होती, तो इसके परिणाम अत्यंत गंभीर हो सकते थे।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस की वीरता सिर्फ एक विमान को बचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि एक सच्चा योद्धा वही होता है जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता है। उनका साहस, आत्मविश्वास और निर्णायक क्षमता इस बात का प्रमाण है कि भारतीय वायुसेना में ऐसे योद्धा मौजूद हैं जो राष्ट्र की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
अंततः, अमन सिंह हंस की यह कहानी हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। उनकी बहादुरी यह सिखाती है कि कठिनाइयों के समय धैर्य, सूझबूझ और समर्पण कितना महत्वपूर्ण होता है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत साहस की मिसाल है, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय भी है। ऐसे नायकों की कहानियाँ हमें यह सीख देती हैं कि हम भी अपने जीवन में साहस, कर्तव्यनिष्ठा और निस्वार्थ सेवा के मूल्यों को अपनाएं।
(अंजू डोकानिआ)