Sunday, September 7, 2025
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Himani Murder: सब गड़बड़झाला है – पुलिस क्या असली आरोपी को बचाना चाहती है?

Himani Murder: आसानी से समझ आ रहा है कि कहानी कुछ और है..लेकिन बीजेपी के स्टेट में पुलिस मामले को भटकाने की कोशिश करे तो इस बात का क्या मतलब है?

Himani Murder: आसानी से समझ आ रहा है कि कहानी कुछ और है..लेकिन बीजेपी के स्टेट में पुलिस मामले को भटकाने की कोशिश करे तो इस बात का क्या मतलब है?

इस मर्डर केस में इतनी सारी बातें संदेहास्पद हैं कि पुलिस की नीयत पर ही संदेह पैदा हो रहा है. यहां नीचे कुछ बिंदुओं पर गौर करें तो समझ में आता है कि पुलिस का एक्शन मामले को गलत दिशा में ले जा रहा है जिसे साफ-साफ कहें तो मामले को भटकाया जा रहा है ताकि असली अपराधी को बचाया जा सके.

पुलिस ने झट से तीन दिन के भीतर ही गुत्थी सुलझा ली और आरोपी को पकड़ कर उसको अभियुक्त बताने का प्रयास किया.

पुलिस का कहना है कि ये ब्लैकमेलिंग का मामला है -हिमानी सचिन को ब्लैकमेल कर रही थी. पुलिस को पता होना चाहिए कि अधिकतर प्रेम-हत्या मामलों में ब्लैकमेलिंग पुरुष की तरफ से होती है, महिला की तरफ से नहीं !

पुलिस को ये भी मालूम होना चाहिए कि एक दूकान पर काम करने वाला व्यक्ति कितना रईस होगा कि कांग्रेस की एक कार्यकर्त्री उसको ब्लैकमेल करेगी. ऐसा करके कितने करोड़ मिल जाएंगे उसको इस व्यक्ति से?

जो कांग्रेस की महिला कार्यकर्त्री भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गाँधी राहुल गाँधी की निकटस्थ रही हैं. भारत जोड़ो यात्रा में ली गई फोटो में राहुल गाँधी उनका हाथ थाम कर चल रहे हैं, वो एक छोटे से मोबाइल वाले को ब्लैकमेल क्यों करेगी जो पहले से ही शादीशुदा है?

उम्र में आठ नौ साल छोटी हिमानी न ही बदसूरत थी और न ही उसे शादी न हो पाने का कोई डर था. ऐसे में एक शादीशुदा व्यक्ति से शादी करने के लिए मरी जा रही हो और इसके लिए उसको ब्लैकमेल कर रही हो -इस तरह की संभावना नहीं के बराबर ही है !

इस हत्याकांड में एक कोण ये भी हो सकता है कि सचिन ने ही हिमानी का मर्डर किया हो परन्तु कराने वाला कोई और हो सकता है क्योंकि हिमानी को मारने का जो उद्देश्य पुलिस के अनुसार सचिन ने बताया है वो आसानी से हजम होने वाला नहीं लग रहा !

हिमानी की माँ और उसके भाई के बयान सुनिए. वो साफ़ कह रहे हैं कि ये राजनीतिक हत्या है. ऐसे में उनका इशारा किस तरफ है, ये समझा जा सकता है.

हरयाणा सरकार को स्वयं आगे बढ़ कर हिमानी के परिवार में बचे अंतिम दो लोगों – माँ और भाई को सिक्योरिटी प्रदान करनी चाहिए ताकि वे बिना डरे खुल कर मामले की सच्चाई बताएं और पुलिस अपराधी को उसके अंजाम तक पहुंचा सके.

पुलिस को और राज्य प्रशासन को हिमानी मर्डर के खुलासे के लिए अपनी इच्छा शक्ति दिखानी चाहिए. यह क्राइम अगेंस्ट विमन तो है ही ये एक नवयुवती के सपनों, भविष्य और जीवन की हत्या भी है और इसी तरह उसके परिवार के लिए घातक भावनात्मक आघात भी है.

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