Wednesday, June 25, 2025
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India@2047: “इंडिया एट 2047” सम्मेलन में बात हुई भारत के भविष्य की

जहां इंडिया एट 2047 सम्मेलन में संदेश दिया गया कि भविष्य के भारत का सपना साकार करना होगा वहीं भारत के भविष्य के निर्माण में नवाचार और आत्मनिर्भरता के मार्ग पर भी विचार-मंथन हुआ..

India@2047:जहां इंडिया एट 2047 सम्मेलन में संदेश दिया गया कि भविष्य के भारत का सपना साकार करना होगा वहीं भारत के भविष्य के निर्माण में नवाचार और आत्मनिर्भरता के मार्ग पर भी विचार-मंथन हुआ..

India@2047: 21 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली के प्रतिष्ठित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, स्टार्टअप और उद्यमी संघ (IBSEA) द्वारा “इंडिया एट 2047” सम्मेलन और भारत के महारथी सम्मान 3.0 का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 2047 तक भारत को एक विकसित, आत्मनिर्भर और विश्व स्तरीय राष्ट्र के रूप में देखना था। सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, उद्यमियों, शिक्षाविदों और समाजसेवियों ने भाग लिया और देश के विकास के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। इस सम्मेलन के माध्यम से भारत के भविष्य को नई दिशा देने और युवा पीढ़ी को अपने सपनों का भारत बनाने के लिए एक साझा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया।

सम्मेलन का उद्घाटन वैदिक मंगलाचरण, दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। इसमें देश की संस्कृति और परंपराओं को समर्पित करते हुए ज्योर्तिवेद विज्ञान संस्थान पटना वैदिक मंगलाचरण डॉ राघव नाथ झा ने आध्यात्मिक वातावरण तैयार किया गया। साथ ही, गणेश वंदना सुरम्या इंस्टीट्यूट की छात्राओं द्वारा की गई। इस अवसर पर आईबीएसईए के अध्यक्ष डॉ. अंशुमान सिंह, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री इकबाल सिंह लालपुरा, विश्व शांति दूत जैन लोकेश मुनि, और अन्य सम्मानित अतिथियों ने राष्ट्र निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए।

विविध सत्रों और पैनल चर्चाओं में विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा हुई। हरित ऊर्जा, डिजिटल परिवर्तन, महिला सशक्तिकरण, स्टार्टअप नवाचार, कृषि विकास और शिक्षा के क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। यह सम्मेलन न केवल व्यापार और नवाचार के लिए एक मंच था, बल्कि देश के सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया था।

मुख्य विषय: “इंडिया एट 2047”

सम्मेलन का मुख्य विषय था – 2047 तक भारत को विकसित और आत्मनिर्भर बनाना। इस विषय के अंतर्गत विभिन्न सत्र आयोजित किए गए, जिनमें कृषि, शिक्षा, तकनीकी विकास, पर्यावरण संरक्षण और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सहेजने पर चर्चा हुई। इन सत्रों में नीति निर्माताओं, उद्योगपतियों और समाजसेवियों ने भारत को भविष्य में सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए साझा दृष्टिकोण तैयार किया।

विविध सत्र और विषयगत चर्चाएं

सम्मेलन में विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया, जिनमें “हरित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते हुए”, “डिजिटल इंडिया और तकनीकी नवाचार”, “महिला नेतृत्व और उद्यमिता”, “खेती और ग्रामीण विकास”, “शिक्षा क्षेत्र में सुधार”, और “समाज में सांस्कृतिक विविधता का संरक्षण” जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल थे। इन सत्रों में वक्ताओं ने अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा करते हुए भारत के भविष्य के लिए एक नई दृष्टि प्रस्तुत की।

हरित ऊर्जा पर चर्चा करते हुए, विभिन्न विशेषज्ञों ने ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और अक्षय ऊर्जा स्रोतों के विस्तार के उपायों पर जोर दिया। डिजिटल इंडिया की दिशा में, कई स्टार्टअप ने अपने अभिनव समाधान प्रस्तुत किए और निवेशकों ने इनकी आर्थिक सहायता की। महिला सशक्तिकरण पर विशेष चर्चा की गई, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

स्टार्टअप इन्वेस्टर मीट

सम्मेलन का एक प्रमुख आकर्षण स्टार्टअप इन्वेस्टर मीट था, जिसमें युवा उद्यमियों ने अपने व्यवसायिक विचार प्रस्तुत किए। इन स्टार्टअप्स को अवसर प्रदान किए गए, जिससे वे अपने उद्यमशीलता की संभावनाओं को नया आयाम दे सकें। निवेशकों ने स्टार्टअप्स को विभिन्न वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे उनके नवाचार और विस्तार को गति मिली।

सम्मानित व्यक्तित्व और पुरस्कार

सम्मेलन के अंतिम चरण में विभिन्न क्षेत्रों में समाज की सेवा करने वाले 50 विशिष्ट व्यक्तियों को “भारत के महारथी सम्मान 3.0” से सम्मानित किया गया। इसमें डॉ. सीमा अग्रवाल को सर्वश्रेष्ठ महिला प्रेरक, अमित वर्मा को श्रेष्ठ ऊर्जा वैज्ञानिक, अनुजा मेहता को स्वच्छता क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इन सभी व्यक्तियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है और समाज के समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भविष्य की योजनाएं और सामाजिक परिवर्तन

IBSEA ने आगामी वर्षों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं प्रस्तुत कीं, जिनमें विशेष रूप से सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर ध्यान देने वाले कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इनमें वोकल फॉर लोकल, महिला नेतृत्व, डिजिटल इंडिया और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल शामिल हैं। ये कार्यक्रम भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

समापन सत्र में, राष्ट्रगान के साथ सम्मेलन का समापन हुआ। सभी प्रतिभागियों ने एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देने का संकल्प लिया। डॉ. अंशुमान सिंह ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि हर भारतीय अपनी क्षमताओं को पहचान कर राष्ट्र निर्माण में सहयोग करे। ‘इंडिया एट 2047’ हमारे सपनों के भारत को साकार करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।”

राष्ट्र निर्माण में सहयोग का आवाहन

इस भव्य आयोजन ने भारत के भविष्य की दिशा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास किया है। इस प्रकार के सम्मेलन से देश के विकास में नवाचार, तकनीकी उत्कृष्टता और समाज में सकारात्मक परिवर्तन को बढ़ावा मिलेगा

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