Kerala Jihad: ‘“जो लोग मेरे ‘नॉन-हलाल’ विचार से सहमत हैं, उनका मैं स्वागत करती हूँ। और जिन्हें इससे समस्या है, उनके पास यहाँ न आने का विकल्प है।” -ये भी कहना था महिला रेस्तरां संचालिका..
केरल में एक महिला उद्यमी द्वारा अपने रेस्तरां में ‘नॉन-हलाल’ भोजन परोसने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यह मामला सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से चर्चा में है और धार्मिक असहिष्णुता पर नए सिरे से बहस छेड़ रहा है।
तुशारा का ‘नंदुस किचन’ और विवाद की शुरुआत
एर्नाकुलम ज़िले के पलारीवट्टोम क्षेत्र में तुशारा अजीत नामक महिला ने जनवरी 2021 में ‘नंदुस किचन’ नाम से एक रेस्तरां की स्थापना की थी। इस रेस्तरां की खासियत यह थी कि यहाँ केवल नॉन-हलाल भोजन परोसा जाता था। दुकान के बाहर लगा बोर्ड कहता है —
“नॉन-हलाल — हलाल भक्षणम निषिद्धम”
(अर्थात, हलाल भोजन यहाँ प्रतिबंधित है।)
तुशारा के अनुसार, जब उन्होंने रेस्तरां शुरू करने की योजना बनाई, तभी स्थानीय कट्टरपंथी तत्वों ने उन्हें चेतावनी दी थी कि ऐसा करना ‘धार्मिक भावनाओं’ को ठेस पहुँचा सकता है। इसके बावजूद उन्होंने सभी धमकियों को नजरअंदाज़ करते हुए न केवल अपना रेस्तरां खोला, बल्कि एक नई शाखा खोलने की तैयारी भी शुरू कर दी थी।
25 अक्टूबर 2021 को हमला
इसी बीच, 25 अक्टूबर 2021 को तुशारा पर एक निर्दयतापूर्वक हमला किया गया। बताया जाता है कि कुछ लोगों ने केवल इसलिए उन पर जानलेवा हमला किया, क्योंकि वह अपने रेस्तरां में हलाल भोजन नहीं परोसती थीं। घटना के बाद यह मामला पूरे राज्य में सुर्खियों में आ गया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बयान
इस हमले की निंदा करते हुए केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने ट्वीट किया —
“श्रीमती तुशारा अजीत पर हुआ हमला निंदनीय है। सिर्फ इसलिए कि उन्होंने अपने होटल में हलाल प्रणाली नहीं अपनाई, मुस्लिम कट्टरपंथियों के एक समूह ने उन पर बेरहमी से हमला किया। कक्कानाड में जो हुआ, वह तालिबानी सोच से कम नहीं है। मैं केरल की जनता से #HalalInvasion का विरोध करने की अपील करता हूँ।”
पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल
सोशल मीडिया पर तुशारा के समर्थन में लोगों ने न्याय की मांग की और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। लेकिन बाद में यह चर्चा शुरू हो गई कि पुलिस अब पीड़िता की ही तलाश कर रही है, संभवतः उस झड़प में आत्मरक्षा के दौरान किए गए प्रतिकार के सिलसिले में।
तुशारा का पक्ष
तुशारा का कहना है कि उनका उद्देश्य किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं है। उन्होंने कहा — “जो लोग मेरे ‘नॉन-हलाल’ विचार से सहमत हैं, उनका मैं स्वागत करती हूँ। और जिन्हें इससे समस्या है, उनके पास यहाँ न आने का विकल्प है।”
एर्नाकुलम के इस रेस्तरां में बड़ी संख्या में ग्राहक बिना किसी विवाद के आते हैं और भोजन करते हैं। तुशारा का कहना है कि वह अपने व्यवसाय को ईमानदारी और स्वतंत्रता के साथ चलाना चाहती हैं — भय और दबाव के बिना।
(प्रस्तुति -एनएचजी ब्यूरो)



