24 जनवरी 2025. आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान एवं विहार संस्कृत संजीवन समाज, पटना के संयुक्त तत्वावधान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती का ऑनलाइन समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मुकेश कुमार ओझा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान एवं विहार संस्कृत संजीवन समाज, ने की।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉक्टर ओझा ने संस्कृत भाषा की सार्वकालिक महत्ता पर प्रकाश डाला और इसे जन-जन की भाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन को प्रेरणादायक बताया।
जयंती समारोह का उद्घाटन उत्तर प्रदेश गृह विभाग के सचिव एवं अभियान के प्रधान संरक्षक, डॉ. अनिल कुमार सिंह ने किया।
डॉक्टर सिंह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता पर बल दिया और संस्कृत के प्रचार-प्रसार में इस अभियान की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, पटना विश्वविद्यालय के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी नारायण सिंह ने नेताजी के योगदान को रेखांकित करते हुए संस्कृत भाषा को राष्ट्रीय एकता की धारा से जोड़ने पर जोर दिया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित संस्कृत गीतकार एवं वरिष्ठ प्रचारक डॉ. अनिल कुमार चौबे ने अपने प्रेरक गीतों के माध्यम से कार्यक्रम को भावमय बना दिया। उन्होंने संस्कृत गीतों के माध्यम से समाज में नई चेतना जगाने का आह्वान किया।
राष्ट्रीय संयोजिका डॉ. रागिनी वर्मा ने संस्कृत भाषा के प्रति महिलाओं की भूमिका और योगदान पर चर्चा करते हुए इसे आधुनिक संदर्भ में अधिक सशक्त बनाने की अपील की।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती समारोह के इस अवसर पर संस्कृत भाषा में काव्य पाठ, व्याख्यान और नेताजी के विचारों पर चर्चा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में देशभर से विद्वानों, विद्यार्थियों और संस्कृत प्रेमियों यथा सौरभ शर्मा, सुनील कुमार चौबे, रम्भा कुमारी, सुजाता घोष, पवन छेत्री, तारा विश्वकर्मा, निधि कुमारी, रामनाथ पाण्डेय, मुरलीधर शुक्ल आदि ने भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन चरित्र पर विचारा प्रकट किए।
समारोह का समापन नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए और संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के संकल्प के साथ किया गया।