Life: Satpal Nayak writes: ये सच भी जीवन का अजब है ! – इसे पढ़ कर आँखों में नन्हें नन्हें आंसू के कतरे आ जाएँ तो अचरज मत कीजियेगा..
मैंने अपने 4 साल के बेटे से पूछा बाबू जब मैं बूढ़ा हो जाऊंगा तो क्या तुम मुझे रोटी खिलाओगे?
पता नहीं क्यों उसने कोई जवाब नहीं दिया और शर्मा के वहाँ से भाग गया।
शाम को जब मैं खाना खाने लगा तो बाबू ये छोटी छोटी रोटियां लेकर आया और बोला लो पापा, आपने पूछा था न कि मुझे रोटी खिलाओगे, मैं आपको अपने हाथों से खिलाऊंगा।
उसने मेरे मुंह मे रोटी का एक टुकड़ा दिया, पता नहीं क्यों उसकी मासूमियत देखकर मेरी आँखें नम हो गयी।
और मैंने उसे गले से लगा लिया।
दोस्तों अपने बच्चों को संस्कार अच्छे देंगे तो वो हमारा सहारा बनेंगे वरना जिस तरह एकाकी परिवार बढ़ रहे हैं ऐसे में बुढापा किसी वृद्धाश्रम में बिताना पड़ेगा….
(सतपाल नायक)