पाकिस्तान के एक प्रमुख मीडिया चैनल जीओ टीवी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को “दबंग शासन” का प्रतीक बताया है। चैनल का कहना है कि दोनों नेताओं की नीतियां, सोच और राजनीतिक अंदाज़ काफी हद तक एक जैसे हैं, और यही बात पाकिस्तान के लिए चिंता का कारण बन गई है।
भारत-इजरायल के मजबूत रिश्ते से पाकिस्तान को चिंता
भारत और इजरायल के बीच पिछले कुछ सालों में रक्षा, कृषि और टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में गहरा सहयोग हुआ है। यह सहयोग पाकिस्तान को अपने क्षेत्रीय प्रभाव और सुरक्षा के लिए खतरा लगता है।
पाकिस्तान पहले भी इस दोस्ती को लेकर चिंता जताता रहा है।
हाल ही में मोदी-नेतन्याहू की नज़दीकी पर वहां के मीडिया में चर्चा तेज़ हो गई है।
जीओ टीवी ने अपने लेख में लिखा:
“नरेंद्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू न सिर्फ वैचारिक रूप से समान हैं, बल्कि दोनों का राजनीतिक रास्ता भी एक जैसा है। इनके शासन में या तो दोनों देश वैश्विक महाशक्ति बन सकते हैं, या फिर क्षेत्रीय अस्थिरता का सामना कर सकते हैं।”
दोनो हैं धार्मिक राष्ट्रवाद के चेहरे
पाकिस्तानी मीडिया का आरोप है कि मोदी और नेतन्याहू धार्मिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देते हैं।
दोनों अपने धर्म-आधारित बहुमत का समर्थन करते हैं।
खुद को प्राचीन सभ्यताओं के रक्षक के रूप में प्रस्तुत करते हैं। इसी कारण उन्हें “नए तरह के दबंग शासन” का प्रतीक बताया जा रहा है।
दूरदर्शी नेतृत्व की भी मान्यता
जीओ टीवी ने जहां दोनों नेताओं की आलोचना की, वहीं उन्हें दूरदर्शी भी माना।
इजरायल में नेतन्याहू के नेतृत्व में तकनीकी और आर्थिक प्रगति हुई।
भारत में मोदी के शासनकाल में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास हुआ और देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना।
पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि मोदी के दौर में भारत वैश्विक मंचों पर अधिक मुखर और प्रभावशाली हुआ है।
लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सवाल
जीओ न्यूज ने आरोप लगाया कि:
भारत में मोदी सरकार ने प्रेस की आज़ादी कम की और न्यायपालिका पर दबाव बनाया।
इजरायल में नेतन्याहू ने भी इसी तरह की रणनीति अपनाई, जिसके खिलाफ 2023 में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए।
हालांकि, यह आलोचना उस देश की ओर से आ रही है जहां खुद अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सैन्य प्रभाव के आरोप लगते रहे हैं।
असली वजह – मोदी-नेतन्याहू की दोस्ती
भारत और इजरायल वैश्विक मंचों पर भी एक-दूसरे का खुलकर समर्थन करते हैं। मोदी और नेतन्याहू एक-दूसरे को दोस्त कहकर संबोधित करते हैं, और यही बात पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी खलनायक बन गई है।
(प्रस्तुति – त्रिपाठी पारिजात)