Tuesday, October 21, 2025
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Narendra Modi का प्रशंसक मैं इस कारण से हूँ – presents Kamal Sharma

(Narendra Modi का प्रशंसक भारत देश इसी कारण है कि राष्ट्रवादी मोदी धर्मप्रेमी भी हैं और न्यायप्रेमी भी !!

(Narendra Modi का प्रशंसक भारत देश इसी कारण है कि राष्ट्रवादी मोदी धर्मप्रेमी भी हैं और न्यायप्रेमी भी !!

मै नरेन्द्र मोदी का इसलिए प्रशंसक नही हूं कि वह विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता और कुशल प्रशासक हैं, पर इसके एक नहीं और अन्य कारण भी हैं –

1. सबसे पहले तो यह नेता कभी भी फटे-पुराने कपड़ों, बिखरे बालों या गन्दी स्थिति में नहीं दिखेगा।

2. नरेंद्र मोदी की बॉडी लैंग्वेज बहुत प्रभावशाली लगती है, उनकी चाल मर्दानगी से भरी है।

3. वह भगवा वस्त्र में एक साधु की तरह दिखता है, एक सैन्य पोशाक में एक सैनिक जैसा दिखता है, साधारण रोजमर्रा के कपड़ों में एक दिव्य राजकुमार जैसा दिखता है।

4. देशभक्ति उनकी सांस है और अनुशासन उनका ब्लड ग्रुप है।

5. भले ही वह दुनिया के किसी भी महान शख्सियत के साथ खड़े हों, लेकिन उनकी प्रतिभा भरी मुठ्ठी जैसी लगती है, अन्य प्रतिभाएँ बौनी लगती हैं।

6. हमने अतीत में ऐसा कोई प्रधानमंत्री, नेता नहीं देखा जिसने चुनाव से पहले किये इतने असंभव जैसे दिखने वाले वादों को पूरा किया हो।

7. देश के शीर्ष पर होने पर भी वह अपने परिवार पर बिल्कुल भी विशेष उपकार नहीं करते हैं। उनके भाई-बहन उसके आसपास कभी नहीं देखे जाते, बिल्कुल नहीं।

8. वह कभी भी छुट्टी नहीं लेते हैं।

9. वह देश के लिए संयमित जीवन जीते हैं।

10. वह जानता है कि कितना कहना है और कब चुप रहना है, लेकिन वह यह भी जानता है कि दूसरे व्यक्ति को कैसे चुप करना है।

11. इतनी सारी व्यस्तताओं के बीच उनका सेंस ऑफ ह्यूमर अद्भुत है।

12. उनका भाषण ओजस्वी और अद्वितीय है, अभिव्यक्ति के लिए भाषा का प्रवाह भी बहुत अच्छा है, वे एक कवि भी हैं।

13. वह अपने विरोधियों के धोखे या चुनौतियों से कभी नहीं डरता।

14. वह अपने विरोधियों या आरोपी की बकवास का जवाब देने में अपना समय बर्बाद नहीं करता, बल्कि पूरी कूटनीति के साथ अपने कर्तव्य के प्रति वफादार रहता है।

15. उनका हाव-भाव और अंदाज ऊर्जा का संचार कर देता है।

16. वह न सिर्फ सही फैसला करते हैं बल्कि उनमें सतर्कता और समर्पण भी एक साथ रहता है।

17. उनका व्यक्तित्व हिंन्दुत्व के एक पवित्र प्रतीक जैसा प्रतीत होता है।

18. उनकी आँखों में चरित्र की चमक इतनी शक्तिशाली है कि सभी को सम्मोहित कर सकते हैं।

19. इस आदमी को कोई प्रलोभन नहीं है, कोई डर नहीं है। उनके लिए स्वार्थ मायने नहीं रखता।

20. और अंत में 70 वर्ष की उम्र में भी, यह व्यक्ति दिन में 15 से 20 घंटे काम करता है, फिर भी हमने उन्हें कभी जम्हाई लेते नहीं देखा।

यदि आपको भी लगता है कि आपके प्रधान मंत्री अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभा रहे हैं, तो आप यह लेख उन सभी को शेयर कर सकते हैं, जो “राष्ट्र प्रथम” की नीति का अनुसरण करते हैं।

योगक्षेमं वहाम्यहम् !

(प्रस्तुति – कमल शर्मा)

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