Pahalgam Hindu Killings एक अनहोनी घटना है जिसने देश के हिन्दुओं को एक करने में महती भूमिका का निर्वहन किया है..
पहलगाम हिन्दू नरसंहार के बाद सारे देश में क्रोध की लहर है. नाम पूछ कर हिन्दुओं की हत्या करने वाले आतंकियों ने इस घटना ने बताया कि आतंक का धर्म नहीं होता, आतंक का मजहब होता है.
सारे देश ने एक स्वर में इस जिहादी घटना का विरोध किया है. भारत के प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों की भावना का सम्मान करते हुए आतंक के विरोध में दुनिया के आतंक की सबसे बड़ी फैक्ट्री पापिस्तान पर आक्रमण करने की घोषणा कर दी है. भारत से हो कर पापिस्तान जाने वाला सिंधु नदी का पानी भी रोक दिया गया है. देश में रह रहे पापीस्तानियों को भी वापस पापिस्तान भगाया जा रहा है.
पापीस्तानियों को बाहर करने वाले इसी स्वच्छता अभियान में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है जिससे पता चला कि पांच लाख पाकिस्तानी औरतें बरसों से देश में रह रही थीं जिनके पांच से 13 बच्चे हैं और औसतन पांच बच्चों की गिनती करें तो करीब पच्चीस लाख बच्चे इन औरतों के भारत में रह रहे हैं. हैरानी की बात है कि इन औरतों के पति पाकिस्तान में रहते हैं और ये यहां रहती हैं जो देश के ऊपर बोझ बनी हुई हैं. इनमे से कई तो दादी नानियाँ भी बन गई हैं. अब उम्मीद तो यही है कि इन सभी को पापिस्तान भेजा जायेगा.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के हरनंन्दी महानगर के अंतर्गत आने वाले अहिंसा खंड -2 (इंदिरापुरम, गाजियाबाद) में भी हिन्दू नरसंहार का विरोध देखने को मिला. भारत के खिलाफ आतंक की साजिशें रचने वाले पापिस्तान का विरोध करते हुए यहाँ 27 अप्रेल रविवार शाम को एक प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया.
आरएसएस के क्षेत्रीय मार्गदर्शक श्री प्रदीप कुमार जी, अशोक कुमार जी, ललितेश पाठक, रतन लाल, रोशन लाल, उदय बनर्जी सहित संघ के कई राष्ट्रप्रेमी स्वयंसेवकों ने अपने नारों से आकाश गुंजायमान कर दिया. इस प्रोटेस्ट मार्च के दौरान क्षेत्रीय जनता का भी समर्थन प्राप्त हुआ. जगह जगह लोगों ने एकत्रित हो कर तालियां बजाईं और संघ के भाइयों के नारों में उनका साथ दिया.
वन्दे मातरम, भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद, देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को, जय भवानी जय शिवाजी, हर हर महादेव, हिन्दू हिन्दू भाई भाई, आदि प्रभावशाली संदेश वाले नारों ने हिन्दू एकता को बढ़ावा देने में परोक्ष-अपरोक्ष रूप से अपना योगदान दिया. इस प्रोटेस्ट मार्च का एक संदेश ये भी रहा कि देश में हो रही गतिविधियों से देशवासियों का लेना देना है और वे देश और देशवासियों से जुडी हर घटना के प्रति संवेदनशील है. को नृप होये हमे का हानि -का समय अब जा चुका है.
यह कांग्रेस-काल नहीं है यह राष्ट्रवादियों का युग है. अब देशविरोध करने वाले और देश विरोध करने वालों का समर्थन करने वालों को मौन रह कर सहा नहीं जाएगा. अब सरकार के साथ ही देश का हिन्दू भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है. संघ का संदेश स्पष्ट है -अब राष्ट्रप्रेम का गौरव -गान होगा, देशविरोधियों का अवसान होगा !
(त्रिपाठी सुमन पारिजात)