Pakistan के दलित हिंदू सांसद डबाया राम पर उनके अपने देश में ध्यान नहीं दिया किसी ने..और आज उनकी स्थिति दयनीय है..
जिनके एक वोट से बेनजीर भुट्टो 1988 में पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी थी,वह पाकिस्तान के दलित हिंदू सांसद डबाया राम हरियाणा के फतेहाबाद में बेहद गरीबी की स्थिति में रह रहे हैं.
वह पहले साइकिल से गांव-गांव कुल्फी और आइसक्रीम बेचते थे फिर गांव के कुछ लोगों ने उनको एक मोटरसाइकिल वाली गाड़ी दे दिया है जिस पर वह गांव-गांव घूम कर आइसक्रीम और कुल्फी बेचते हैं.
पाकिस्तान के संसद में दो सीट हिंदुओं के लिए रहती है पाकिस्तान में हिंदुओं को वोट देने का अधिकार नहीं है तो यह बखर सीट से और एक बार लोहिया सीट से सांसद नॉमिनेट हुए थे यानी यह पाकिस्तान में दो बार सांसद थे.
1988 में बेनजीर भुट्टो को प्रधानमंत्री बनने के लिए एक वोट कम पड़ रहा था उसे वक्त बेनजीर भुट्टो डबाया राम से मिली और डबाया राम ने बेनजीर भुट्टो के पक्ष में मतदान किया और संसद में बेनजीर भुट्टो विश्वास मत हासिल करके प्रधानमंत्री बनी थी.
बाद में डबाया राम के ऊपर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला जाने लगा यहां तक की पाकिस्तान संसद की वेबसाइट पर 1988 के लिस्ट में 40 में नंबर पर आप देखेंगे तो उनके नाम को बदलकर अल्लाह डबाया लिख दिया गया है और रिलिजन के आगे मुस्लिम लिखा हुआ है.
फिर उनके एक रिश्तेदार की लड़की को मुस्लिम जबरन किडनैप करके ले गए उसे मुस्लिम बनाकर निकाह कर लिया मगर पुलिस ने कोर्ट ने उनकी कुछ नहीं सुनी.
फिर यह अपने एक रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए वीजा लिए और अपने परिवार के साथ भारत आकर शरणार्थी बन गए.
अभी भी इनके रिश्तेदारों के 40 लोग पाकिस्तान में है जो वहां बड़ी ही दयनीय हालत में है. यहां भारत में जो दलित मुस्लिम भाई-भाई का नारा लगाते हैं उनकी आंखें न जाने कब खुलेंगे.
(मधूलिका सनातनी)