(Parakh Saxena)
आधे लोग तो इस इम्प्रेशन मे है कि युद्ध रुक गया है… सामरिक रूप से रुका है और 12 मई तक रुका है। इसके बाद अब टेबल पर चर्चा होनी है, ज़ब तक उसके आउटपुट नहीं आते युद्ध खत्म नहीं हुआ।
पेज वन पर चलिए, भारत मे आतंकी हमला हुआ तो भारत ने मिसाइल्स से आतंकियों को मारा। उसके बदले पाकिस्तान ने सैन्य कार्रवाई की तो बदले मे भारत ने अनेक विमान गिराये और पाकिस्तान का इंफ्रास्ट्रक्चर ध्वस्त किया।
अमेरिका के F-16 विमान धूल चाटते दिखे, चीन का डिफेन्स सिस्टम लाचार दिखा, भारत का पूरा दाँव इस पर था कि किसी तरह पाकिस्तान युद्ध की घोषणा करें, पाकिस्तान ने आज ही एक ऑपरेशन का नाम भी दिया।
उसी बीच हम देखते है कि जो अमेरिका बीच मे आने को मना कर रहा था वो बीच मे आ जाता है और पाकिस्तान पर दबाव बनता है। पाकिस्तान जो सुबह तक गीदड़ भभकी दे रहा था वो युद्ध रोकने के लिये मान जाता है।
अमेरिका का बीच मे आना बनता था, F-16 की जो तबाही हुई वो अमेरिकी विमान है। पूरी दुनिया मे अमेरिका उसे बेचता है ये बिजनेस का नुकसान है, यही बात चीन के संदर्भ मे है। कोई दौराय नहीं दोनों ने पाकिस्तान की कॉलर पकड़कर दबाव बनाया हो।
भारत के साथ स्थिति यह है कि हम युद्ध की घोषणा आगे से नहीं कर सकते क्योंकि जो आगे से युद्ध करता है उस पर प्रतिकूल दबाव भी होता है। इजरायल को ही देख लीजिये, इजरायल के लिये गाजा की पूरी ना सही मगर 50% भूमि कब्जाना कोई बड़ी बात नहीं है।
लेकिन आज स्थिति यह है कि उसका परम मित्र स्पेन खुद उसका रास्ता रोके बैठा है क्योंकि इजरायल पर युद्ध शुरू करने का आरोप है।
ये कोई इमोशन वाला सास बहु का सीरियल नहीं है, आपने पाकिस्तानियो का विधवा आलाप भी देखा। उनके जो एयर बेस नष्ट हुए है पाकिस्तानी इस इम्प्रेशन मे थे कि इनमे से कुछ तो शायद सीक्रेट है।
उसके बावजूद भारत ने 100% क्षमता से उन्हें तबाह किया, नया एयरबेस बनाना या उसे किसी ओर जगह शिफ्ट करना एक दिन का खेल नहीं है उसमे अरबो डॉलर खर्च होते है और आज ही आपने खबर सुनी होंगी कि पाकिस्तान 1 अरब डॉलर के लिये भी IMF के आगे कटोरा लिये बैठा है।
भारत के हाथ क्या लगा वो भी जानना आवश्यक है
एक बात समझ आ गयी कि पाकिस्तान को पीटोगे तो ये जो आधा मोर्चा घर के अंदर खुलना था ये मिथक है ये नहीं खुलेगा।
आतंकी कैंप नष्ट हुए बल्कि पंजाब तक खात्मा हुआ, पुनरावृति करूँगा कि इन्हे फिर से बनाने मे पाकिस्तान को अरबो डॉलर खर्च करने होंगे। अमेरिका ने अफगानिस्तान मे युद्ध के समय जो डॉलर दिये थे ये कैंप और एयरबेस उसी की बदौलत बने थे।
पाकिस्तान को दोबारा 15-20 अरब डॉलर और 2-3 साल की जरूरत है एक हफ्ते पहले जैसा होने के लिये। जाहिर है तब तक हमारा CDS चुप नहीं बैठेगा।
इसके अलावा हमें जो मिला वो 12 मई के बाद क्लियर होना शुरू होगा क्योंकि सेना का युद्ध समाप्त हुआ है कूटनीति का नहीं। जैसे सेना के हौसले बढ़ाये वैसे ही राजनायिको का भी बढ़ाइये अन्यथा जमीन पर जीता युद्ध हम AC वाले कमरों मे हार जाएंगे।
अंत मे वेल डन… हमारी सरकार, हमारी सेना, हमारे अधिकारी और हमारे मित्र देशो के लिये!