Raja Raghuvanshi Murder: ये है वो बड़ा खुलासा जो आज शिलांग पुलिस ने किया है..
मेघालय पुलिस ने राजा रघुवंशी हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है। पूर्वी खासी हिल्स के एसपी विवेक स्येम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज कुशवाह इस हत्या का मास्टरमाइंड है, जबकि सोनम उसकी सहयोगी थी। सभी पांचों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस के अनुसार, यह हत्या प्रेम प्रसंग और पारिवारिक दबाव के चलते की गई थी। इसमें कोई सुपारी नहीं दी गई, बल्कि तीन अन्य युवकों ने सिर्फ दोस्ती के नाम पर हत्या में मदद की।
शादी से पहले रची गई थी साजिश
एसपी के अनुसार, सोनम की शादी से महज 11 दिन पहले राज कुशवाह ने हत्या की योजना बनानी शुरू कर दी थी। फरवरी 2025 में ही सोनम और राज ने मिलकर दो अलग-अलग योजनाएं बनाई थीं—पहली योजना में सोनम को नदी में बहने का झूठा नाटक करना था, जबकि दूसरी में किसी अन्य व्यक्ति की हत्या कर उसकी लाश को जलाकर सोनम की बताकर छिपाना था। दोनों प्लान विफल होने के बाद सोनम को 11 मई को राजा से अरेंज मैरिज करनी पड़ी।
कामाख्या मंदिर से शुरू हुई साजिश
सोनम ने राजा को गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर दर्शन के बहाने बुलाया। उधर, तीन अन्य आरोपी—आकाश राजपूत, विशाल चौहान और आनंद कुर्मी—19 मई को गुवाहाटी पहुंच चुके थे। शुरुआती योजना वहीं हत्या की थी, लेकिन जब यह विफल रही तो सोनम ने नया प्लान बनाकर राजा को चेरापूंजी (सोहरा) ले गई।
23 मई को सोहरा के वेई सॉवडॉन्ग में हत्या
राजा और सोनम 23 मई को नोंग्रीट गांव से निकलकर वेई सॉवडॉन्ग वॉटरफॉल पहुंचे। दोपहर 2:00 से 2:18 के बीच जब राजा टॉयलेट गया, तीनों आरोपियों ने मिलकर उस पर हमला किया। हत्या के बाद शव को खाई में फेंक दिया गया। हत्या के समय सोनम वहीं मौजूद थी। हत्या के बाद खून से सना रेनकोट आकाश को सौंपा गया, जिसे बाद में फेंक दिया गया।
सोनम का बुर्के में भागना और पहचान छुपाना
हत्या के बाद विशाल ने सोनम को एक बुर्का दिया जो पहले से तैयार था। सोनम ने बुर्का पहनकर टैक्सी से शिलांग, फिर गुवाहाटी, फिर बस से सिलीगुड़ी, पटना, आरा और लखनऊ होते हुए इंदौर पहुंची। वह 26 मई से 8 जून तक इंदौर में ही रही।
किडनैपिंग का नाटक और पुलिस के आगे सरेंडर
जब मीडिया में खबर आई कि तीन और लोग सोनम और राजा के साथ थे, राज कुशवाह को शक हो गया कि पुलिस उनके करीब पहुंच चुकी है। उसने सोनम से कहा कि वह किडनैपिंग का नाटक कर सिलीगुड़ी जाए। लेकिन उसी दिन एक आरोपी की गिरफ्तारी हो गई, जिससे घबराकर राज ने सोनम को कहा कि वह खुद को किडनैप बताकर पुलिस के सामने आए। 8 जून को सोनम ने गाजीपुर में सरेंडर कर दिया।
कोई पेशेवर सुपारी नहीं, दोस्ती में हत्या
एसपी स्येम ने बताया कि यह सुपारी किलिंग नहीं थी। राज ने अपने दोस्तों को बिना किसी मोटी रकम के सिर्फ 59,000 रुपये खर्च के लिए दिए। हत्या प्रेम और पारिवारिक दबाव की वजह से की गई थी।
तीन बार नाकाम, चौथी बार मिली सफलता
आरोपियों ने राजा को मारने की तीन कोशिशें पहले की थीं—गुवाहाटी, नोंघरियाह और मावलखियात में—but वे असफल रहीं। अंततः 23 मई को वेई सॉवडॉन्ग में हत्या की गई।
पुख्ता सबूत, 90 दिन में चार्जशीट का दावा
पुलिस के पास 48 सीसीटीवी फुटेज, खून से सने कपड़े, खुखरी, किराए की स्कूटर का रिकॉर्ड, आधार कार्ड, टिकट्स, कॉल डिटेल और लोकेशन डेटा मौजूद हैं। पुलिस 90 दिन में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। सोनम का मोबाइल अब भी बरामद नहीं हुआ है।
सोनम की योजना: अज्ञात शव और खुद को बनाए पीड़िता
सोनम को उम्मीद थी कि लाश की पहचान नहीं हो पाएगी और वह खुद को किडनैप शिकार बताकर खुद को निर्दोष साबित कर पाएगी। लेकिन पुलिस की सटीक जांच और एक स्थानीय गाइड की गवाही ने पूरे मामले की परतें खोल दीं।
आगे की जांच और क्राइम सीन रिक्रिएशन जारी
पुलिस रिमांड अभी चल रही है और जरूरत पड़ने पर आगे बढ़ाई जा सकती है। जल्द ही पुलिस वेई सॉवडॉन्ग में क्राइम सीन का रिक्रिएशन करेगी। एक ‘जितेंद्र’ नाम के व्यक्ति का नाम सामने आया है, लेकिन फिलहाल पुलिस को उसकी जानकारी नहीं है। सोनम के परिवार को राज के साथ उसके रिश्ते की जानकारी थी या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है।