Sweet Memories: बचपन की मधुर स्मृतियों का एक और सुन्दर चित्रांकन किया है शब्दों की शिल्पी प्रीति सक्सेना ने..
तितलियों सी खूबसूरती, सागर के लहरों सी चंचलता, बच्चों जैसी मासूमियत, प्यार का अथाह सागर ऐसी ही हैं हमारी “गुड्डू दी” सहेली, जुड़वा बहन शिक्षक हर रिश्ते में उनका अक्स नज़र आता है।
उनके साथ पलते बढ़ते मैं कब बचपन से किशोर और किशोर से जवानी की दहलीज पर आ गयी पता नही चला। साथ-साथ पढ़ना-लिखना, स्कूल जाना, लड़ना-झगड़ना, डांट-मार खाना, घर के काम एक साथ ख़ुशी-ख़ुशी निपटाना, गाने सुनना, डांस करना, शरारत करना और लोगों से मज़े लेना सच में वो हमारे स्वर्णिम दिन ही थे जो जाने कब पंख लगा कर उड़ गए और खुशनुमा अहसास बन कर हमारे अंतस में बस गए।
लोग हमें “दो हंसो का जोड़ा” सहेलियाँ “जुड़वा बहने” हमारा प्यार देख कर तरह तरह के नामों से नवाज़ते थे। शायद ये हमारे बेइंतहां प्यार की जीत ही थी।
अभी भी जब वो 54 के आस-पास हैं और मैं 51 के आस-पास हमारे बीच कोई फर्क नही दिखता जैसे वही समय फिर से वापस आ गया हो। हम उसी जोशोखरोश के साथ मिलते हैं साथ गाने गाते हैं मस्ती करते हैं और वो सारे पल जैसे हम चाहते हैं वैसे जीते हैं
अपने पुराने प्यारे बीते पलछिन को याद कर मुस्कुराते हैं और खुश होते हैं दिल में बचपन की यादों को संजोये हुए खूब सारी खट्टी मीठी यादों को ताजा करते हैं। समय बदल गया है हमदोनो ही बच्चों की माएं बन चुके हैं लेकिन शरारत अभी भी कायम है।
हमारा प्यार, मुस्कान, विश्वास खुशनुमा अहसास बन कर हमें ज़िंदादिल बनाता है और ख़ुशी से सुख पूर्वक जीने का हौसला देता है।
इस मुबारक मौके पर ईश्वर से यही कामना है कि आपको दीर्घायु और निरोग बनाएं ताकि हमसब को मरते दम तक आप हसाती रहें साथ ही ये भी कामना करती हूँ कि ये प्यार भरे रिश्ते का संबल हमें हमेशा ताक़त दे उम्मीद दे परिस्थितियां प्रतिकूल हों या अनुकूल एक दूसरे के भरोसे को डिगा न सके।
प्रीत का हर रंग सुरक्षित रहे बुरी नज़र से बचा रहे ये रिश्ता। और ये प्यार का रिश्ता जो हमें विरासत में मिला है सदियों सदियों तक इसकी खुश्बू फीकी न पड़े। हमारे बच्चों के सामने लोग उनकी मम्मियों के प्यार के उदाहरण दें।और हमारे बड़े-बूढ़े भी हमारे प्यार को याद रखें।
आपको जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें, गुड्डू दी !!
(प्रीति सक्सेना)