Tom Cruise हॉलीवुड के सुपरस्टार हैं..जितना हिन्दुस्तानी दर्शकों का उनको प्यार मिलता है उतना ही वे भी हिन्दुस्तान को प्यार करते हैं..
हॉलीवुड सुपरस्टार टॉम क्रूज ने हाल ही में हिंदी सिनेमा और भारत के प्रति अपने प्रेम का इज़हार किया है। उन्होंने कहा, “मैं बॉलीवुड स्टाइल में फिल्म बनाना चाहता हूं।” आइए जानें टॉम क्रूज़ के इस भारतीय लगाव के पीछे की बातें और उनकी नई फिल्म ‘मिशन इम्पॉसिबल: द फाइनल रेकनिंग’ से जुड़ी जानकारी।
भारत से टॉम क्रूज़ का खास रिश्ता
फिल्म के प्रमोशन के दौरान टॉम क्रूज ने बताया कि भारत से उनका जुड़ाव गहरा और यादगार रहा है।
उन्होंने कहा,
“भारत एक बेहद खूबसूरत देश है। वहां के लोग, संस्कृति और माहौल वाकई शानदार हैं।
जब मैं भारत गया था, ताजमहल देखा, मुंबई में वक्त बिताया – वो अनुभव आज भी मेरी यादों में ताजा हैं।”
टॉम क्रूज को हैं बॉलीवुड फिल्मों से प्यार
टॉम ने बताया कि उन्हें हिंदी फिल्में बेहद पसंद हैं और वे भारत में शूट करना भी चाहते हैं।
“मुझे बॉलीवुड फिल्मों की शैली बेहद पसंद है – वो गाने, डांस और भावनाओं की गहराई… जब अचानक कोई सीन में गाना गाने लगता है, वो मुझे बहुत अच्छा लगता है।”
वे मानते हैं कि बॉलीवुड सिनेमा का हर पहलू – अभिनेता, संगीत, नृत्य – उन्हें आकर्षित करता है।
फिर से भारत आने को हैं उत्साहित
टॉम क्रूज ने खुलकर कहा कि वे दोबारा भारत आने को लेकर उत्साहित हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में उनके कई दोस्त बन चुके हैं और उनकी दिली ख्वाहिश है कि वे एक बॉलीवुड शैली की फिल्म का निर्माण करें।
छह दिन पहले रिलीज़ हुई ‘मिशन इम्पॉसिबल: द फाइनल रेकनिंग’
टॉम क्रूज़ की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘मिशन इम्पॉसिबल: द फाइनल रेकनिंग’ भारत में पहले से तय तारीख से 6 दिन पहले रिलीज हो चुकी है।
यह फिल्म हिंदी, अंग्रेज़ी के साथ-साथ तमिल और तेलुगू में भी दर्शकों तक पहुंची है।
एथन हंट के किरदार में वापसी
इस एक्शन से भरपूर फिल्म में टॉम क्रूज़ अपने मशहूर किरदार एथन हंट के रूप में लौटे हैं।
उनके साथ नजर आ रहे हैं:
हेले एटवेल
विंग रेम्स
साइमन पेग
हेनरी चेर्नी
एंजेला बैसेट
हन्नाह वाडिंग हैम
कैटी ओ’ब्रायन
जेनेट मैकटीर
ट्रैमेल टिलमैन
फिल्म का निर्देशन क्रिस्टोफर मैकक्वेरी ने किया है और यह टॉम क्रूज प्रोडक्शंस, पैरामाउंट पिक्चर्स और स्काईडांस के बैनर तले बनी है।
टॉम क्रूज़ का बॉलीवुड के प्रति प्रेम सिर्फ सतही नहीं, बल्कि उनके अनुभवों, भावनाओं और यादों से जुड़ा है। अगर वे हिंदी फिल्म बनाते हैं, तो यह भारतीय दर्शकों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं होगा।
(अर्चना शेरी)