Wasting Life: अब तक न ध्यान दिया हो तो कोई बात नहीं, अब जानिये वे 20 संकेत जो बताते हैं कि आप अपनी ज़िंदगी बर्बाद कर रहे हैं जिनको आप “सामान्य” समझ बैठे हैं..
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आप पूरी नींद लेने के बाद भी थके हुए उठते हैं—यह थकान शरीर की नहीं, आपके सोचने के तरीके की होती है।
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आप घंटों मोबाइल पर स्क्रॉल करते रहते हैं, लेकिन फिर कहते हैं कि खुद को बेहतर बनाने के लिए आपके पास समय नहीं है।
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आप ऐसे दोस्तों के साथ हँसते हैं, जो भीतर ही भीतर आपके सपनों का मज़ाक उड़ाते हैं।
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आप बार-बार कहते हैं “कभी न कभी”, लेकिन अपने लक्ष्यों के लिए कोई तारीख तय नहीं करते।
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आप अपने फैसले खुद नहीं लेते, बल्कि डर को अपने लिए फैसले लेने देते हैं।
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आप दूसरों से सीखने के बजाय उनसे जलते रहते हैं।
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आप कुछ रचने से ज़्यादा शिकायत करना पसंद करते हैं।
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आप अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ करते रहते हैं, जब तक वह खुद आपको रुककर ध्यान देने पर मजबूर न कर दे।
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आप जहरीले माहौल में सिर्फ इसलिए टिके रहते हैं क्योंकि वह आपको जाना-पहचाना लगता है।
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आप ज़रूरी और कठिन बातचीत से बचते हैं और उसे ही शांति का नाम दे देते हैं।
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आप जीवन के उद्देश्य से ज़्यादा केवल मज़े के पीछे भागते हैं।
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आप अनुशासन बनाने के बजाय सिर्फ मोटिवेशन पर निर्भर रहते हैं।
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आप उस ज़िंदगी को जीने के लिए किसी और की इजाज़त का इंतज़ार करते हैं, जो आप सच में जीना चाहते हैं।
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सच्चाई आपको बुरी लगती है और झूठ आपको आरामदायक महसूस होता है।
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आप भीड़ के पीछे चलते रहते हैं, भले ही वह रास्ता कहीं नहीं जाता।
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आप उन्हीं आदतों और पैटर्न को दोहराते रहते हैं, जिनके बारे में आप जानते हैं कि वे आपको नुकसान पहुँचा रहे हैं।
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आप कहते रहते हैं “अब बहुत देर हो चुकी है”, जबकि आप अभी भी ज़िंदा हैं और साँस ले रहे हैं।
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आप अपराधबोध के कारण पुरानी दोस्तियाँ निभाते हैं, न कि आपसी विकास के लिए।
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आप कुछ भी लिखते नहीं हैं और यादों के सहारे ही भविष्य बनाने की कोशिश करते हैं।
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आप सिर्फ ज़िंदा रहने की हालत में जीते रहते हैं, लेकिन कभी रुककर यह नहीं पूछते—“क्या मैं वही इंसान हूँ, जो मुझे बनना था?”



