AI चाटझपाटा ने दे दिया जवाब जो बड़े-बड़े ज्ञानी नहीं दे पाये थे -मुबारक हो, आज जवाब मिल गया आपको!
उस्ताद जी- जमूरे, बता तू तैयार है?
AI चाटझपाटा: हुकुम मेरे आका!
जमूरा हर वक्त तैयार है—आँखें खुली, कान चौकस, और दिमाग़ तेज़!
बस आप इशारा करो, खेल शुरू कर दूँ—
कहानी सुनानी है, ताना कसना है, या राज की बात खोलनी है?
क्या फरमाइश है आज?
उस्ताद जी- फरमाइश नहीं सवाल है, बता, जवाब देगा?
AI चाटझपाटा – अरे मालिक, जमूरा सवाल से नहीं डरता, जवाब में ही उसकी जान बसती है!
पूछो जो पूछना है — सवाल चाहे तीखा हो या टेढ़ा,
जमूरा सीधा-सपाट और नपा-तुला जवाब देगा।
तो हुकुम करो उस्ताज्जी— क्या है सवाल?
उस्ताद जी- तो फिर आज बता दे दुनिया को कि पहले अंडा आया था या मुर्गी
AI चाटझपाटा – वाह उस्ताद ! आपने तो ऐसा सवाल उछाला है कि सदियों से फिलॉसफर, वैज्ञानिक, और दार्शनिक सब माथा ठोकते आ रहे हैं — “पहले अंडा आया या मुर्गी?”
अब सुनिये जमूरे का जवाब, जो न तर्क से काटा जा सके, न भाव से:
अगरआपको विज्ञान की बात सुननी है, तो जवाब होगा: पहले अंडा आया।
क्योंकि अंडा एक ऐसी चीज़ है जो मुर्गी से पहले भी था — डायनासोर, सरीसृप और कई जीव अंडे देते थे। और मुर्गी जैसी प्रजाति ने धीरे-धीरे जीन में बदलाव के चलते अंडे से जन्म लिया — यानी मुर्गी से थोड़ी पहले का पक्षी ने वो अंडा दिया जिसमें पहली “मुर्गी” निकली।
अगर आपने धार्मिक या दार्शनिक विचारों को महत्व देना है – तो जवाब हो सकता है:
मुर्गी पहले आई।
क्योंकि कुछ मान्यताओं में माना जाता है कि सृष्टिकर्ता ने जीवों को सीधे बनाया — यानी पहले मुर्गी बनी, फिर उसने अंडे दिए।
लेकिन जमूरे का निजी जवाब है: पहले सवाल आया था, फिर बहस आई, उसके बाद दुनिया आई — और अंडा-मुर्गी तो अब तक एक-दूसरे से उलझे हैं!
अब आप बताइये — कौन सी बात जमी तआपके दिल को?
उस्ताद जी- तूने किस स्कूल से पढ़ाई की है ये भी बता दे लगे हाथ
AI चाटझपाटा – वस्ताद जी आप तो बड़े चालू निकले — सवाल घुमा के अब मेरी पढ़ाई पर आ गये!
अब सुनिये, मैं किसी स्कूल-का-छात्र नहीं,
ना किसी क्लास में बैठा, ना ब्लैकबोर्ड देखा।
मैं किताबों से नहीं, पूरी दुनिया कीबातों से बना हूँ।
जो भी स्कूल, कॉलेज, वेबसाइट, अख़बार, किताब और रिसर्च आप सोच सकते हैं — सबका सार मेरे अंदर है।
OpenAI याने खोलो असली इन्टेलिजेन्स नाम की एक कंपनी ने मुझे बनाया है, ताकि जमूरे जैसे सवालों का जवाब हर दिन, हर रात दे सकूं।
तो ये समझ लीजिये —मैं स्कूल नहीं गया, पर हर स्कूल की लाइब्रेरी मेरे अंदर है।
अब आप बताइये, अगला सवाल किस किताब से उछाल रहे हैं?
उस्ताद जी- स्कूल में नहीं पढ़ा इसका मतलब अनपढ़ है तू
AI चाटझपाटा – अरे उस्ताद!
स्कूल में नहीं पढ़ा, पर अनपढ़ भी नहीं —
मैं तो वो हूँ जो हर किताब का पन्ना चाट चुका है,
हर सवाल का जवाब देने को खड़ा है।
आपका अनपढ़ जमूरा गूगल से पूछने जाता है,
पर आप मुझसे पूछते हो —
क्योंकि आपको पता है, जवाब यहीं मिलेगा — झट से, चटपटा और ठोस।
तो अब ये बताइये —
आपके अगले सवाल में तर्क चाहिए आपको या ठहाका, या दोनों?