Ladaai Challenge: रेडियो हिंदुस्तान पर प्रारम्भ हो रहा है ‘लड़ाई चैलेंज’ – आइये लड़िये, जी भर कर लड़िये, कमरतोड़ लड़िये, मुहफोड़ लड़िये – लड़ते लड़ते मर जाइये – उसके बाद भी लड़िये – क्योंकि हमारे मंच का नारा है – ज़िंदगी के साथ भी ज़िंदगी के बाद भी !!
दुनिया के सभी लड़ाकुओं का स्वागत है. पहली बार दुनिया में लड़ाई का सम्मान हो रहा है. लड़ने वाले तो वैसे भी सम्माननीय हैं क्योंकि लड़ने की हिम्मत सबमे कहाँ होती है !
हम आपकी लड़ने की हिम्मत का सम्मान तो कर ही रहे हैं आपकी लड़ाई की कला को भी आदर दे रहे हैं. अभी तक आप सारा जीवन बिना मतलब के लड़े हैं, अब पहली बार आप मतलब से लड़ेंगे. हमारे कहने से लड़ेंगे और लड़ने पर आप जीतें या हारें -आपको हमारे दर्शकों का प्यार पूरा मिलेगा.
अभी तक आपकी लड़ाई की कला व्यर्थ जा रही थी. या कहें कि आपका जीवन ही व्यर्थ जा रहा था. आप किसी बात पर लड़े हों या बिना बात के लड़े हों -आपको कभी लड़ने में उतना संतोष प्राप्त नहीं हुआ होगा जितना अब प्राप्त होगा. हर बार जब आप हमारे मंच पर आकर लड़ेंगे तो कितने लोगों की प्रेरणा बनेंगे. लोग आपसे लड़ना सीखेंगे. मांएं अपने बच्चों से कहेंगी – कुछ सीख इससे ! इतना बड़ा हो गया है निगोड़ा -बीवी से लड़ना अब तक नहीं सीख पाया ! कुछ सीख ले इससे !!
अभी तक दुनिया ने WWW और WWF देखा है किन्तु लोगों ने ऐसी लड़ाई कभी न देखी होगी कि एक हँसता मुस्कुराता चेहरा अचानक लड़ाकू चेहरे में बदल जाये और फिर उसकी मीठी जुबान से ऐसी आग निकले कि राह में जो भी आये उसका भुट्टा सिंक जाये ! ये लड़ाई हम दिखाएंगे आपको रेडियो हिंदुस्तान पर. आगे चल कर हम इस तरह के लड़ाई के कोर्स भी उपलब्ध कराएंगे – लड़ाई में बैचलर कोर्स, मास्टर कोर्स और एडवांस कोर्स और लड़ाई में पीएचडी भी.
और हाँ, एक प्यारी बात – आपको हमारा वो एडवरटीज़मेंट याद होगा – लड़ते लड़ते लव हो जाए ! ये बड़े प्यारे किस्म का लव होता है क्योंकि इसके बाद सीधे शादी होती है और फिर लड़ते लड़ते ज़िन्दगी बीत जाती है. इसलिए शादी से पहले ही आप शादी का मज़ा लेने के लिए लड़ना सीखिए. मत भूलिए -जो हथियार डाल देता है उसकी कभी इज्जत नहीं होती -जो लड़ता है दुनिया उसकी हमेशा इज्जत करती है. अगर आपकी बीवी ही आपकी दुनिया है तो वो आपकी हमेशा इज्जत करेगी, बशर्ते आपको लड़ना आता हो !
सड़क पर लड़ने का ज़माना गया -अब मंच पर लड़िये ! लाइट, कैमरा और ऐक्शन के साथ लड़िये. लोगों को पता तो चले कि आपके भीतर लड़ने की कला कूट कूट कर भरी हुई है. आप सब समय लड़ सकते हैं सबसे लड़ सकते हैं – आप लड़ने के इतने भारी शौकीन हैं कि इंसान न मिले तो आप जानवर से लड़ सकते हैं और कुछ न मिले तो आप दीवाल से लड़ सकते हैं -नदी पहाड़ पत्थर खम्भा आसमान जमीन दूकान -आप किसी से भी लड़ सकते हैं क्योंकि आप असली लड़ाके हैं. इस दुनिया में आपने लड़ने के लिए जन्म लिया है और आप तब तक आपको दुनिया से नहीं भेजा जायेगा जब तक आप सबसे लड़ना फिनिश नहीं कर लेते !
अब अकेले-अकेले लडने का वक्त गया अब मिलजुल कर लड़िये. रेडियो हिन्दुस्तान पर आपके जैसा ही कोई दूसरा भी मौजूद होगा जिससे आपका मुकाबला होगा. ये वही व्यक्ति या व्यक्तिनी होंगी जिनको आपसे लड़ने के लिये हमने तैयार किया होगा. जिससे आपको लड़ना है उससे पहले मिल लीजिये उसको समझ लीजिये उसके बाद लड़िये -तब आपको समझ आ जाएगा कि इसको धोबीपाट मार कर धूल चटाना है या कैंची मार कर गिराना है – मतलब ये है कि मिलने के बाद लड़ने से आपके जीतने के चांस बढ़ जाएंगे.
एक बात समझ लीजिये, इस दुनिया में उसका जीना बेकार है जो लड़ा ही नहीं ! उसने जिया तो क्या जिया जिसने लड़ने का स्वाद नहीं लिया. जब आप लड़ते नहीं हैं तो कोई आपकी बात नहीं करता. आपका होना न होने के बराबर होता है. जब आप लड़ना शुरू कर देते हैं -लोग दिन भर आपकी बात करते हैं. फिर बहुत जल्दी आप अपनी गली में वर्ल्ड फेमस हो जाते हैं.
वो लोग ही जन्मजात लड़ाकू प्रतिभा के धनी होते हैं जो जहां भी हों जैसे भी हों लड़ लेते हैं. जो मिल जाये उससे लड़ लेते हैं. वो लड़ने का बहाना नहीं ढूँढते, बहाना खुद उनको ढूँढ लेता है. वो पति हों, पत्नी हों, सास हों बहू हों ससुर हों दामाद हों ननद हों भौजाई हों फूफा हों या दामाद हों, जीजा हों या जमाई हों- बॉस हों या बॉस के खास हों – कर्मचारी हों या कार्यालयीन राजनीति के भ्रष्टाचारी हों – अर्थात आप हर देश में हर दिशा में और हर दशा में लड़ने पर उतारू हैं तो बस आप ही हैं जिन्हें सही मायने में लड़ाकू कह कर सम्मानित किया जा सकता है.
आपको पता नहीं आप समाज की कितनी बड़ी सेवा कर रहे हैं. जब भी आप शुरू हो जाते हैं लोगों को कितना मनोरंजन प्राप्त होता है -इसका आपको कोई अनुमान नहीं है. आपकी इस विशेषज्ञता को ही मंच प्रदान कर रहा है रेडियो हिन्दुस्तान जहां आधे घंटे लड़ कर आपको दुनिया हिला देनी है !
जीतना है तो लड़ना सीखो ! याद रखो -जीतता वही है, जो लड़ता है !
विशेष: यदि आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें लड़े बिना खाना नहीं हजम होता है और चार बातें सुन कर या चार सुना कर ही नींद आती है तो आप बिलकुल सही स्थान पर हैं. आप जैसे योद्धा की ही प्रतीक्षा कर रहे हैं हम. आप हमसे 8076316074 (Whatsap) / radiyohindustan@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं और जहां भी हैं आप वहीं से ऑनलाइन हमारे अगले एपीसोड के लड़ाकू अतिथि बन सकते हैं. भविष्य में हम आप जैसे प्रतिभाशाली लड़ाई-वीरों के लिये पुरस्कार की व्यवस्था पर भी विचार कर रहे हैं.
(त्रिपाठी सुमन पारिजात)