Bharatiya Shikshan Mandal: एवं ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्त्वावधान में दस दिवसीय अनुभूति शिविर का उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ.
इस महत्वपूर्ण दस-दिवसीय शिविर का आयोजन ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में किया जा रहा है। जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम का उद्घाटन 8 जुलाई को हुआ।
इसमें मुख्य अतिथि के रूप में नैनीताल-उधमसिंह नगर के सांसद अजय भट्ट जी उपस्थित रहें। कार्यक्रम का उद्घाटन सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया। इसके पश्चात् भारतीय शिक्षण मंडल के ध्येय श्लोक एवं ध्येय वाक्य द्वारा कार्यक्रम का आरंभ किया गया।
स्वागत उद्बोधन ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के निदेशक संदीप कुमार बधानी द्वारा दिया गया। अपने उद्बोधन में उन्होंने बताया कि देश विकास की नई गति को तभी प्राप्त कर सकता है जब शिक्षा व्यवस्था सशक्त एवं सुदृढ़ हो। इस दिशा में यह अनुभूति शिविर एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कार्यक्रम मुख्य अतिथि उद्बोधन माननीय सांसद अजय भट्ट जी द्वारा दिया गया। अपने विस्तृत उद्बोधन में उन्होंने कहा कि मनुष्य सर्वोत्तम योनि है एवं उसके अंदर यह क्षमता एवं दक्षता है जिससे वह सबकुछ कर सकता है। देश का भविष्य युवा है और इन युवाओं के बल पर ही देश विश्वगुरु बन सकता है। युवा अपना अमूल्य समय इस अनुभूति शिविर में दे रहे हैं, यह अत्यंत सराहनीय है। इसी के साथ भारतीय संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि हमारी ज्ञान परम्परा विशाल है एवं हम सभी क्षेत्रों में सर्वोच्च रहे हैं और हमारी संस्कृति त्याग, समर्पण एवं निर्माण सिखाती है।
इसके पश्चात् मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बीआर शंकरानन्द द्वारा उद्बोधन दिया गया। जिसमें उन्होंने बताया कि यह जीवन का अनमोल कालखंड है। जीवन में चमत्कार नहीं होता है। परिवर्तन सिर्फ कर्म से ही होता है अतः कर्म ही मनुष्य की पहचान है।
युवाओं का मार्गदर्शन करते हुए बीआर शंकरानन्द ने बताया कि भोग नहीं त्याग की भावना से पूर्ण युवा ही विश्व का कल्याण कर सकते हैं। उन्होंने अनुभूति शिविर के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रत्येक युवा को आंतरिक रूप से दृढ़ होना चाहिए क्योंकि जीवन चुनौतियों से भरा है। इन सभी चुनौतियों का सामना मुस्कुराते हुए करना चाहिए। इस शिविर का उद्देश्य एक कार्य संस्कृति का निर्माण करना है जो विश्वास एवं श्रद्धा पर आधारित हो। उपनिषद् को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि उपनिषद् निर्भयता की प्रेरणा देती है क्योंकि अभयता ही स्वस्थ व्यक्तित्व का निर्माण कर सकती है। स्वस्थ व्यक्तित्व का निर्माण शिक्षा का उद्देश्य है क्योंकि स्वस्थ व्यक्ति स्वस्थ कुटुम्ब का निर्माण करता है एवं स्वस्थ कुटुम्ब स्वस्थ समाज का सृजन का करता है।
इसके पश्चात् अध्यक्षीय उद्बोधन भारतीय शिक्षण मंडल के दिल्ली प्रांत अध्यक्ष अजय सिंह द्वारा दिया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन अखिल भारतीय युवा गतिविधि प्रमुख अमित रावत द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री सुहास राव हीरेमठ, दिल्ली-पंजाब-हरियाणा के प्रांत संगठन मंत्री गणपति तेती, दिल्ली प्रांत संगठन मंत्री सचिन मारन, उत्तराखंड प्रांत के प्रांत संगठन मंत्री दयाशंकर जी, अनुभूति शिविर के संयोजक डॉ. धर्मेंद्र नाथ तिवारी एवं सह-संयोजिका डॉ. अंजलि कायस्थ की उपस्थिति रही।