Chhangur Mulla: लगातार अब रोज ही झिंगुर मुल्ला उर्फ छांगुर मौलवी की शिकार महिलायें लगातार अपने ऊपर हुए हैवानियत के हमलों को लेकर सामने आ रही हैं..
कर्नाटक की एक युवती ने एक खौफनाक कहानी बताई है, जिसमें उसे प्यार और शादी के झूठे वादों में फँसाकर धर्म बदलवाने की कोशिश की गई, और जब उसने इनकार किया, तो उसे प्रताड़ित किया गया, यहाँ तक कि गैंगरेप तक हुआ। इस पूरी साज़िश में मुख्य आरोपी है एक व्यक्ति जिसका नाम है जलालुद्दीन उर्फ छांगुर मुल्ला, और उसके साथ मिलकर काम करने वाले मोहम्मद वसीम सहित कई लोग।
इस तरह फंसाया हिन्दू युवती को जाल में
2021 में एक शख्स ने “राजू राठौड़” बनकर इंस्टाग्राम पर इस युवती से दोस्ती करने की कोशिश की। युवती ने शुरुआत में बात करने से मना कर दिया, लेकिन फिर एक महिला ने खुद को वसीम की भाभी बताकर मैसेज किया और कहा कि वसीम एक अच्छा इंसान है। धीरे-धीरे वसीम से बातचीत शुरू हुई और उसने खुद को हिंदू और राजपूत बताया, उसकी प्रोफाइल फोटो में भगवानों की तस्वीरें थीं। युवती अनाथ थी, भाई की मौत के बाद अकेली रह गई थी। वसीम ने इसी अकेलेपन का फायदा उठाया और शादी का वादा कर लिया।
सऊदी अरब में असली मंशा सामने आई
वसीम सऊदी में रहता था, और युवती को भी वहाँ बुलाया। नकली वीज़ा और पासपोर्ट तैयार करवाया और युवती ने अपना पार्लर और घर बेचकर सऊदी जाने का फैसला कर लिया। वहाँ पहुँचने पर वसीम ने पहले शादी जैसा नाटक किया – माँग भरी और मंगलसूत्र पहनाया। लेकिन जल्द ही उसकी असलियत सामने आई – वो मुस्लिम था और युवती को “आयशा” बनाकर धर्मांतरण करवाना चाहता था।
जब युवती ने विरोध किया
जब युवती ने धर्म बदलने से इनकार किया, तो उसे मारा-पीटा गया, उसका अश्लील वीडियो बनाया और ब्लैकमेल किया गया। उसे तीन दिन तक एक फ्लैट में बंद करके रखा गया। फिर एक और व्यक्ति, बदर अख्तर सिद्दीकी, उससे मिलने आया – यह शख्स छांगुर पीर के नेटवर्क का हिस्सा था। पता चला कि युवती को भारत से सऊदी लाने के लिए ₹15 लाख रुपये दिए गए थे।
भारत लौटने पर भी नहीं मिला चैन
तीन महीने बाद वीज़ा खत्म हुआ, तो युवती भारत लौट आई और कर्नाटक में छोटे पार्लर में नौकरी करने लगी। लेकिन वसीम उसे रोज़ फोन कर पैसे माँगता रहा, और डर दिखाता रहा कि वीडियो वायरल कर देगा। जब युवती ने पुलिस में शिकायत की, तो और भी डरावनी घटनाएँ शुरू हुईं।
सहारनपुर में गैंगरेप और मानसिक यातना
मई 2024 में युवती को वसीम के कहने पर सहारनपुर बुलाया गया, जहाँ पता चला कि जिस महिला को वह उसकी भाभी समझती थी, वो असल में उसकी पत्नी थी। वहाँ वसीम के परिवार और रिश्तेदारों ने उसे बंधक बना लिया और धर्म बदलने का दबाव डालते रहे। पुलिस में शिकायत करने पर भी कोई मदद नहीं मिली। उल्टा पुलिस उसे फिर उसी घर में छोड़ देती थी।
शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न चरम पर
युवती को गोमांस खाने के लिए मजबूर किया गया, मना करने पर बुरी तरह पीटा गया। फिर उसे जबरदस्ती गाड़ी में भरकर एक सुनसान जगह ले गए, 12-14 लोगों ने गैंगरेप किया – जिसमें वसीम के रिश्तेदार और दोस्त शामिल थे। गैंगरेप का वीडियो बनाया गया, और युवती को धार्मिक गालियाँ दी गईं। उसकी हालत बहुत खराब हो गई।
छांगुर मुल्ले के अड्डे पर
इसके बाद युवती को छांगुर पीर के अड्डे पर ले जाया गया। वहाँ उसने कहा – “चेहरे पर क्यों मारा? इससे पैसा कैसे मिलेगा!” छांगुर ने उसे तावीज पहनाया और इलाज के बहाने अस्पताल में भर्ती करवाया।
कचहरी में मिली मदद और घर वापसी
अस्पताल से भागकर युवती सीधी कचहरी पहुँची, जहाँ उसकी मुलाकात विश्व हिंदू रक्षा परिषद के गोपाल राय से हुई। गोपाल राय ने उसकी मदद की, और 3 जून 2025 को युवती ने हिंदू धर्म में वापसी कर ली।छांगुर को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन उसके गुर्गे अब भी खुले घूम रहे हैं। आज भी डर के साए में जी रही है पीड़िता
युवती आज भी उसी सहारनपुर के घर में रह रही है, जहाँ उस पर जुल्म हुए। वह पार्लर का काम करती है, लेकिन रास्ते में बदतमीज़ी, धमकियाँ और डर उसका पीछा नहीं छोड़ते। उसे डर है कि छांगुर के आदमी किसी दिन उसकी हत्या कर सकते हैं।
युवती का बयान
“मैं अनाथ थी, लेकिन एक परिवार की चाह में सबकुछ गंवा बैठी। आज तक उस फैसले की सजा भुगत रही हूँ।”
(प्रस्तुति – किसलय इन्द्रनील)