RSS: राष्ट्र भक्ति का नशा! संघ (RSS) पर पाबंदी की बात करने वालों के लिए करारा जवाब..
“संघ” कोई शराब नहीं, जिस पर पाबंदी लगा दी जाए! यह तो राष्ट्र भक्ति का वह अदम्य नशा है जो न कभी गद्दारों को चढ़ेगा और न ही सच्चे राष्ट्रभक्तों के सिर से उतरेगा!!
75 साल से अधिक की अटूट परंपरा, लाखों स्वयंसेवकों का निःस्वार्थ समर्पण और राष्ट्र निर्माण का एकमात्र लक्ष्य—यही है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ।
जब-जब देश पर संकट आया है, सबसे पहले यही “खाकी निकरधारी” बिना किसी सरकारी आदेश के सेवा के लिए खड़े हुए हैं— चाहे वह भूकंप हो, बाढ़ हो, या कोविड-19 महामारी।
संघ विचारधारा नहीं, यह जीवन जीने का एक तरीका है। यह समाज सेवा, त्याग और देश के लिए मर-मिटने की भावना का प्रतीक है।
जो लोग संघ को नहीं समझते, वो शायद राष्ट्र की मूल आत्मा को नहीं समझते! यह संस्था नहीं, राष्ट्र की धड़कन है।
संघ को खत्म करने का सपना देखने वालों! यह बीज नहीं, यह एक विशाल वटवृक्ष है जिसकी जड़ें भारत माँ की मिट्टी में गहरी समाई हुई हैं! इसे हिलाना असंभव है!
अगर आप भी राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हैं, तो इस पोस्ट को हर भारतीय तक पहुँचाएं!