Indore Suicide: दो दर्जन किन्नरों की आत्महत्या के प्रयास के पीछे गहरा मतभेद सामने आया है – मामला है ये 150 करोड़ रुपये का..
इंदौर शहर में किन्नर समुदाय के दो गुटों के बीच चल रहा मतभेद अब गंभीर टकराव का रूप ले चुका है। बीती रात इस विवाद ने तब सनसनी फैला दी जब एक पक्ष से जुड़े 24 किन्नरों ने सामूहिक रूप से फिनाइल पीकर आत्महत्या का प्रयास किया। इस घटना के बाद शहर का माहौल तनावपूर्ण हो गया और मामला सीधे प्रशासन और राजनीति के घेरे में पहुंच गया।
गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल में सांसद, विधायक और नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर मांग की कि असली और नकली किन्नरों के बीच चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए सभी किन्नरों का मेडिकल परीक्षण और आधिकारिक पंजीकरण करवाया जाए। मिश्रा ने यह भी कहा कि शहर में “वसूली” के नाम पर हो रही अवैध गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है।
इस विवाद को लेकर दोनों पक्षों के आरोप एक-दूसरे के खिलाफ बेहद गंभीर हैं। एक पक्ष की ओर से अधिवक्ता सचिन सोनकर ने आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय से जुड़े कुछ किन्नर हिंदू किन्नरों पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे हैं, और मना करने वालों को एचआईवी का इंजेक्शन लगाने की धमकी दी जा रही है।
दूसरी ओर, दूसरे गुट की किन्नर सोनम भास्कर ने बताया कि यह विवाद असल में ट्रेन में नेग (दान) वसूली के हिस्से को लेकर शुरू हुआ था। उनका कहना है कि हिस्सेदारी न मिलने पर उनके साथ धमकियां दी गईं और मारपीट भी की गई। सोनम के अनुसार, 24 किन्नरों द्वारा आत्महत्या का प्रयास केवल माहौल बिगाड़ने की साजिश थी, जिसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है।
पुलिस ने बताया कि पूरे प्रकरण की सभी पहलुओं से जांच की जा रही है — चाहे वह आर्थिक, धार्मिक या सामाजिक कारणों से जुड़ा हो। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि विवाद की असली जड़ लगभग 150 करोड़ रुपये की संपत्ति से जुड़ी है। बताया जा रहा है कि नंदलालपुरा इलाके में स्थित दोनों डेरों के किन्नरों के पास महंगे मकान, लग्ज़री वाहन और बहुमूल्य आभूषण हैं।
अब यह विवाद केवल संपत्ति के बंटवारे तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें धार्मिक तनाव और आर्थिक स्वार्थ दोनों की परतें जुड़ गई हैं। पुलिस प्रशासन के सामने चुनौती यह है कि वह न केवल सच्चाई सामने लाए, बल्कि शहर में बढ़ते सामाजिक तनाव को भी नियंत्रित करे।
(न्यूज़ हिन्दू ग्लोबल ब्यूरो)