Sunday, December 14, 2025
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Incel Violence: औरतों से दूरी बनी अकेलापन जो बदल गई नफरत और हिन्सा में

Incel Violence: अकेलेपन से नफ़रत तक का सफर: कैसे ‘इन्सेल’ विचारधारा एक ऑनलाइन समुदाय से हिंसक आंदोलन बनी, और क्यों अमेरिका इसे घरेलू आतंकवाद के रूप में देखने की तैयारी में है..

Incel Violence: अकेलेपन से नफ़रत तक का सफर: कैसे ‘इन्सेल’ विचारधारा एक ऑनलाइन समुदाय से हिंसक आंदोलन बनी, और क्यों अमेरिका इसे घरेलू आतंकवाद के रूप में देखने की तैयारी में है..

साल 2025 के दौरान इंटरनेट पर जिन शब्दों को सबसे ज्यादा खोजा गया, उनमें “इन्सेल” (Incel) भी प्रमुख रहा। यह शब्द उन पुरुषों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो चाहने के बावजूद किसी महिला के साथ रोमांटिक या यौन संबंध नहीं बना पाते। समय के साथ ऐसे पुरुषों ने इंटरनेट पर अपनी अलग-अलग ऑनलाइन कम्युनिटीज बना लीं, जहां शुरुआत में अकेलेपन और निराशा पर चर्चा होती थी, लेकिन धीरे-धीरे यही मंच नफरत फैलाने वाले समूहों में बदलते चले गए। हालात यहां तक पहुंच गए कि इन समूहों को कई देशों में सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक माना जाने लगा और कुछ जगहों पर उन पर रोक भी लगानी पड़ी।

अमेरिका और कनाडा में इन्सेल हिंसा के गंभीर उदाहरण

इन्सेल विचारधारा से जुड़ी हिंसा और जानलेवा हमलों के कुछ बड़े मामले अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में सामने आ चुके हैं। इन घटनाओं ने सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान इस ओर खींचा कि यह केवल एक ऑनलाइन ट्रेंड नहीं, बल्कि समाज के लिए संभावित खतरा भी बन सकता है।

साल 2025 लगभग खत्म होने को है। हर साल की तरह इस बार भी उन विषयों और शब्दों पर चर्चा हो रही है जिन्हें लोगों ने गूगल और सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा खोजा। इन्हीं में “इन्सेल” शब्द खास तौर पर उभरा। यह टर्म उन पुरुषों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो महिलाओं को आकर्षित करने में असफल रहते हैं और अनचाहे रूप से रिश्तों से दूर रह जाते हैं। ऐसे अकेले पुरुषों ने मिलकर इंटरनेट पर एक तरह की डिजिटल बिरादरी बना ली, जिसने धीरे-धीरे महिलाओं के खिलाफ संगठित ऑनलाइन अभियान का रूप ले लिया।

आखिर इन्सेल होता कौन है

इन्सेल का पूरा रूप है “इनवॉलंटरी सेलिबेट”, यानी ऐसे लोग जो अपनी इच्छा के विपरीत अकेले जीवन जी रहे हैं और किसी रिलेशनशिप में नहीं हैं। यह कोई एक संगठन नहीं, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय समूहों और फोरम्स का नेटवर्क है। इस सोच से जुड़े कई पुरुषों के मन में महिलाओं के प्रति गहरी नाराजगी पनपती चली जाती है। उन्हें लगता है कि उनके जीवन में प्रेम और संबंधों की कमी के लिए महिलाएं ही जिम्मेदार हैं।

इन समुदायों में कुछ लोग यौन संबंधों को अपना अधिकार मानने लगते हैं, भले ही महिलाएं इसके लिए तैयार हों या नहीं। यही सोच आगे चलकर खतरनाक रूप ले लेती है। हालांकि यह भी सच है कि हर इन्सेल हिंसक नहीं होता, लेकिन इस विचारधारा से जुड़े एक कट्टर और उग्र हिस्से ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को खुले तौर पर जायज ठहराना शुरू कर दिया है।

एक सपोर्ट ग्रुप से नफरत भरे आंदोलन तक

इन्सेल मूवमेंट की जड़ें 1990 के दशक में मिलती हैं। शुरुआत में इसका नफरत से कोई लेना-देना नहीं था। कनाडा की एक महिला ने एक वेबसाइट बनाई थी, ताकि ऐसे लोग अपने अनुभव साझा कर सकें जिन्हें रिश्ते बनाने में कठिनाई होती थी। इसी मंच पर “इनवॉलंटरी सेलिबेट” शब्द का इस्तेमाल शुरू हुआ।

आरंभ में यह समूह अकेलेपन और भावनात्मक पीड़ा साझा करने का जरिया था। लेकिन जैसे-जैसे इस कम्युनिटी का विस्तार हुआ, इसमें बड़ी संख्या में पुरुष जुड़ने लगे और इसकी भाषा व सोच बदलने लगी। वक्त के साथ कई सदस्यों ने अपनी व्यक्तिगत असफलताओं, टूटे रिश्तों और सामाजिक अलगाव के लिए महिलाओं को दोषी ठहराना शुरू कर दिया। ऑनलाइन फोरम्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हेट स्पीच तेजी से बढ़ने लगी। बीते दो दशकों में इन्सेल समुदाय सोशल मीडिया पर पहले से कहीं ज्यादा सक्रिय हो गया।

 

छिपे हुए उग्रवादी और बढ़ती कट्टरता

क्योंकि ये समूह भावनाओं और अकेलेपन की बातें करते हैं, इसलिए शुरुआत में इनकी गतिविधियां खतरनाक नहीं लगतीं। लेकिन इनके भीतर ऐसे कट्टर तत्व भी मौजूद रहते हैं जो पहचान छिपाकर काम करते हैं। ये लोग बाकी सदस्यों की नाराजगी को हिंसा में बदलने के लिए उकसाते हैं और ऑनलाइन मंचों पर हमलों की रणनीतियों तक पर चर्चा करते हैं।

जब ऑनलाइन नफरत हिंसा में बदली

इन्सेल विचारधारा से जुड़ी कुछ घटनाओं ने पूरी दुनिया को चौंका दिया –

वर्ष 2018 में कनाडा के एक युवक ने, जिसने खुद को इन्सेल बताया था, वैन से लोगों को कुचल दिया। हमले से पहले उसने ऑनलाइन इन्सेल विचारधारा का खुलकर समर्थन किया था।

अमेरिका में 22 वर्षीय युवक ने महिलाओं को निशाना बनाकर गोलीबारी की। उसने भी पहले इन्सेल समर्थन में वीडियो और पोस्ट साझा किए थे।

जर्मनी में एक व्यक्ति, जो इन्सेल फोरम्स पर सक्रिय था, महिलाओं पर हमला करने की साजिश में पकड़ा गया।

कई देशों में सख्ती, मंचों पर कार्रवाई

इन्सेल समुदाय इंटरनेट के जरिए तेजी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल गया। कई देशों में इसे महिलाओं के खिलाफ नफरत, ट्रोलिंग, धमकियों और हिंसा को बढ़ावा देने वाला माना गया। जब हिंसक घटनाएं सामने आने लगीं, तो सरकारों को सख्त कदम उठाने पड़े।

तुर्की ने इन्सेल समूहों को संभावित खतरा मानते हुए उन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया, जहां ये कम्युनिटी सक्रिय थी। जांच में कई फोरम्स पर साइबर बुलिंग और यौन उत्पीड़न से जुड़ा कंटेंट भी मिला।

रूस ने भी सोशल मीडिया और चैट प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे कंटेंट के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। वहां इन्सेल से जुड़े मैटेरियल को चरमपंथी और समाज के लिए हानिकारक मानते हुए कई ऑनलाइन नेटवर्क्स पर प्रतिबंध लगाया गया।

अमेरिका में घरेलू आतंकवाद की बहस तेज

अमेरिका, जहां इस तरह की कई हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं, अब इन्सेल से जुड़ी हिंसा को घरेलू आतंकवाद के दायरे में लाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। भले ही इन्सेल को आधिकारिक रूप से किसी आतंकी संगठन की सूची में शामिल नहीं किया गया हो, लेकिन FBI और होमलैंड सिक्योरिटी जैसी एजेंसियां इसे “डोमेस्टिक टेरर थ्रेट” के तौर पर देखने लगी हैं।

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन एक बड़ी समस्या बन चुका है, जहां कुछ पुरुष धीरे-धीरे महिलाओं और पूरे समाज के प्रति घृणा से भर जाते हैं और हिंसा की ओर बढ़ते हैं। पिछले एक दशक में अमेरिका में हुई घटनाओं के चलते अब इसे घरेलू आतंकवाद की श्रेणी में रखने की मांग और तेज हो गई है।

वर्तमान में अमेरिका में ऐसे मामलों में संघीय घरेलू आतंकवाद कानूनों के तहत FBI कार्रवाई कर रही है। वहीं, यदि कोई व्यक्ति या समूह महिलाओं के खिलाफ हिंसा फैलाने या धमकी देने में शामिल पाया जाता है, तो उसे राज्य स्तर पर हेट क्राइम के तौर पर भी दर्ज किया जा सकता है, जिसमें ऑनलाइन धमकियां और टारगेटेड हमले भी शामिल हैं।

(प्रस्तुति – त्रिपाठी पारिजात)

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