Sunday, September 7, 2025
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Acharya Anil Vats: भगवान शिव की 3 बहुत सुन्दर बेटियां भी थीं

Acharya Anil Vats ji की इस प्रस्तुति में आइये जानते हैं भगवान शिव की 3 बहुत सुन्दर बेटियों के विषय में..

Acharya Anil Vats ji की इस प्रस्तुति में आइये जानते हैं भगवान शिव की 3 बहुत सुन्दर बेटियों के विषय में..

भगवान शिव की 3 बेटियां थीं। कम ही लोगों को ज्ञात होगा कि भगवान शिव की उनकी कुल 6 संतानें हैं। इनमें तीन पुत्र हैं और इन्‍हीं के साथ उनकी 3 पुत्रियाँ भी हैं। इनका वर्णन शिव पुराण में मिलता है।

भगवान शिव के तीसरे पुत्र का नाम भगवान अयप्पा है और दक्षिणी भारत में इनको पूरी श्रद्धा के साथ पूजा जाता है। वहीं शिव की तीनों पुत्रियाँ के नाम हैं – अशोक सुंदरी, ज्योति या मां ज्वालामुखी और देवी वासुकी या मनसा। हालांकि तीनों बहनें अपने भाइयों की तरह बहुत चर्चित नहीं हैं लेकिन देश के कई हिस्‍सों में इनकी पूजा की जाती है। इनमें से शिव जी की तीसरी पुत्री यानी वासुकी को देवी पार्वती की सौतेली बेटी माना जाता है। मान्यता है कि कार्तिकेय की तरह ही पार्वती ने वासुकी को जन्म नहीं दिया था।

1. अशोक सुंदरी

शिव जी की बड़ी बेटी अशोक सुंदरी को देवी पार्वती ने अपना अकेलापन दूर करने के लिए जन्‍म दिया था। वह एक पुत्री का साथ चाहती थीं। देवी पार्वती के समान ही अशोक सुंदरी बेहद रूपवती थीं। इसलिए उनके नाम में सुंदरी आया। वहीं उनको अशोक नाम इसलिए दिया गया क्‍योंकि वह पार्वती के अकेलेपन का शोक दूर करने आई थीं। अशोक सुंदरी की पूजा विशेषरूप से गुजरात में होती है।

अशोक सुंदरी के लिए ये भी कहा जाता है कि जब भगवान शिव ने बालक गणेश का सिर काटा था तो वह डर कर नमक के बोरे में छिप गई थीं। इस कारण से उनको नमक के महत्‍व के साथ भी जोड़ा जाता है।

2. ज्योति

शिव जी की दूसरी पुत्री का नाम ज्योति है और उनके जन्‍म से जुड़ी दो कथाएं बताई जाती हैं। पहली के अनुसार, ज्योति का जन्‍म शिव जी के तेज से हुआ था और वह उनके प्रभामंडल का स्‍वरूप हैं। दूसरी मान्‍यता के अनुसार ज्योति का जन्‍म पार्वती के माथे से निकले तेज से हुआ था। देवी ज्योति का दूसरा नाम ज्वालामुखी भी है और तमिलनाडु कई मंदिरों में उनकी पूजा होती है।

3. मनसा

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बंगाल की लोककथाओं के अनुसार, सर्पदंश का इलाज मनसा देवी के पास होता है। उनका जन्‍म तब हुआ था, जब शिव जी का वीर्य कद्रु, जिन्हें सांपों की मां कहा जाता है, की प्रतिमा को छू गया था। इसलिए उनको शिव की पुत्री कहा जाता है लेकिन पार्वती की नहीं। यानी मनसा का जन्‍म भी कार्तिकेय की तरह पार्वती के गर्भ से नहीं हुआ था।

बताया जाता है मनसा का एक नाम वासुकी भी है और पिता, सौतेली मां और पति द्वारा उपेक्षित होने के कारण उनका स्‍वभाव काफी गुस्‍से वाला माना जाता है। उनकी पूजा बिना किसी प्रतिमा या तस्‍वीर के होती है। इसकी जगह पर पेड़ की कोई डाल, मिट्टी का घड़ा या फिर मिट्टी का सांप बनाकर पूजा जाता है। चिकन पॉक्‍स या सांप काटने से बचाने के लिए उनकी पूजा होती है। बंगाल के कई मंदिरों में उनका विधिवत पूजन किया जाता है।

शिव जी की पुत्रियों के बारे में ज्‍यादा लोग नहीं जानते हैं लेकिन पुराणों में कई जगह उनका उल्‍लेख होता है।

।।ॐ नमः शिवाय ।।

(आचार्य अनिल वत्स)

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